हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों ने काशी और मथुरा को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। साथ ही देश में समान नागरिक कानून की मांग करते हुए हिन्दुओं के विरूद्ध किए जा रहे धर्मान्तरण और लव जिहाद जैसे षडयंत्रों के विरूद्ध गांव-गांव जाकर हिन्दू समाज के जागरण का निर्णय लिया है।
जुमे की नमाज के बाद अनेक स्थानों पर हुए दंगों पर तीव्र आक्रोश जाहिर करते हुए संतों ने योगी सरकार की तर्ज पर सभी स्थानों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। दो दिन चली बैठक के समाप्त होने के पश्चात निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह शास्त्री महाराज व विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहाकि अयोध्या, मथुरा और काशी हिन्दुओं के लिए सर्वाधिक महत्व के स्थान हैं। इस विषय में संतों का मानना है कि अयोध्या की भांति काशी की ज्ञानवापी व मथुरा की मस्जिद भी वास्तव में मंदिर ही हैं। अयोध्या के बाद काशी व मथुरा में भी भगवान का ऐश्वर्य पुनः प्रकट होगा।
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को लेकर अदालत में प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां पर शिवलिंग प्रकट हुआ है, उस स्थान की सुरक्षा का आदेश दिया है। संतों का मानना है कि हमें अयोध्या की भांति काशी और मथुरा के मामले में भी कोर्ट पर भरोसा है। कोर्ट के निर्णय के बाद अगर आवश्यकता पड़ी तो संत दोनों स्थानों को लेकर आगे की रूपरेखा बनाएंगे। मार्गदर्शक मण्डल का स्पष्ट मत है कि तीनों स्थान हिन्दू समाज को प्राप्त होने चाहिए। संतों ने समान नागरिक संहिता लागू करने की पहल पर उत्तराखण्ड सरकार को साधुवाद दिया और केन्द्र सरकार से मांग की कि सम्पूर्ण देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। सरकार को हिन्दू मठ-मंदिरोें को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की सरकार से संतों ने मांग की।
संतों ने लव जिहाद तथा मतांतरण को विधर्मियों की साजिश बताया और कहा कि सख्त कानून बनाने की मांग के साथ संत गांव-गांव और घर-घर जाकर इन षडयंत्रों को रोकने के लिए जनजागरण करेंगे। महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद देश के अनेक स्थानों पर नियोजित तरीके से दंगे हुए, इस पर संतों ने तीव्र आक्रोश प्रकट किया है। संतों ने इस बात पर आपत्ति जतायी की धर्म स्थान के बाहर आकर पत्थर उठाकर कानून हाथ में लेने का आखिर क्या काम है। संतों का मानना है कि ऐसे दंगाईयों के खिलाफ योगी सरकार की तर्ज पर सारे देश में सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग पर संतों में गहरी नाराजगी है। महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद हिन्दू पुनः वापस आ रहे हैं। यह बात अलगाववादियों व राष्ट्रविरोधियों को रास नहीं आ रही है। सरकार को इससे सख्ती से निपटना चाहिए। वैसे भी विगत कुछ माह में वहां 135 आतंकवादी मारे गए हैं, जो एक अच्छा संकेत है। अभी वहां 200 से अधिक कश्मीर मूल के और 150 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं। सरकार से अपेक्षा है कि इनको सख्ती से निपटाए।
साध्वी शक्ति परिषद की बैठक में उपस्थित रही आध्यात्मिक विभूतिया
केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल के उपवेशन के अन्तर्गत साध्वी शक्ति परिषद की एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का शुभारंभ साध्वी शक्ति परिषद की कार्यकारी अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेई गिरि महाराज, महामंत्री डा. प्रज्ञा भारती, कोषाध्यक्ष हेमानंद गिरि महाराज ने संयुक्त रुप से किया। बैठक की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी मैत्री गिरि तथा संचालन मीनाक्षी पीसवे ने किया।
साध्वी शक्ति परिषद की बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि धर्माचार्य संत समाज को दिशा और मार्गदर्शन दोनों प्रदान करता है। उन्होने बैठक में उपस्थित आध्यात्मिक विभूतियो से मातृशक्ति को जाग्रत करने का आह्वान किया। मिलिंद परांडे ने मातृशक्ति की सुरक्षा, गरिमा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए देश में निर्बाध गति से जारी धर्मांतरण, लव जेहाद जैसे ज्वलंत विषयो पर विचार प्रकट किए।
बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी दिव्य चेतना, साध्वी कमलेश भारती, साध्वी प्राची, गार्गी, साध्वी निर्मला, साध्वी राधा रमण ने नारी सशक्तिकरण, कुटुम्ब प्रबोधन, धर्मान्तरण, शिक्षा, संस्कार, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर नारी शक्ति का आह्वान किया। साध्वी सुराधा गिरि ने भी वर्तमान समय में नारी शक्ति के स्वाभिमान की रक्षा और मातृ शक्ति के संरक्षण के विषय में चर्चा की। उत्तराखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अनेक राज्यों से साध्वी शक्ति परिषद की बैठक में महिला आध्यात्मिक विभूतियां उपस्थित रही।
बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र, केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी, कोटेश्वर राव, जीवेश्वर मिश्र के साथ राष्ट्रीय संयोजिका दुर्गावाहिनी प्रज्ञा महाला, क्षेत्र संयोजिका रीना शर्मा, प्रांत उपाध्यक्षा संध्या कौशिक, प्रांत संयोजिका दुर्गावाहिनी नीलम त्रिपाठी, विमला शुक्ला समेत अनेक महिला कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। बैठक की अध्यक्षता म0 म0 स्वामी मैत्री गिरि, संचालन मीनाक्षी पीसवे ने किया।
टिप्पणियाँ