केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसक घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। मंत्रालय ने रविवार को पूरे मामले पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से पूरी रिपोर्ट मांगी है। रांची हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित करने को कहा गया है।
खुफिया जानकारी के अनुसार इस घटना में उत्तरप्रदेश से 14 लोग विशेष रूप से रांची आये थे। इन लोगों ने ही पथराव और हिंसक घटना को अंजाम देने के लिए युवाओं को भड़काने का काम किया। इसके लिए फंडिंग भी गयी थी। रांची में हिंसा भड़काने के लिए उत्तर प्रदेश से पहुंचे लोग किस ट्रेन से झारखंड की राजधानी पहुंचे थे इसकी पूरी जानकारी खुफिया विभाग को मिल गई है। ट्रेन टिकट सहित ये कहां ठहरे हुए थे इसका भी पूरा ब्यौरा मिल गया है। इनको चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जायेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सारी स्थिति पर राजभवन से रिपोर्ट तलब की है। राज्यपाल ने डीजीपी नीरज सिन्हा से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पूरी जानकारी मिलने के बाद राजभवन से रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जायेगी, जिसे राष्ट्रपति के समक्ष भी रखा जायेगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल के बयान से आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान उपद्रवियों ने भी गोलीबारी की। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हुई है और 13 लोग घायल हुए हैं।
इस मामले में अबतक कुल 25 एफआईआर दर्ज हुए हैं। इसमें 22 लोग नामजद हैं और 100 अज्ञात लोगों पर एफआईआर किया है। फिलहाल शहर में 3500 से अधिक एटीएस, आईआरबी, एसटीएफ और रेपिड एक्शन फोर्स जवानों की तैनाती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी में आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर शामिल हैं। कमेटी सप्ताह में रिपोर्ट देगी।
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