पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर गुरुवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के अंकुरहाटी में हुए विरोध प्रदर्शन के पीछे आतंकवादी संगठन अलकायदा का हाथ रहा है। इस दावे के साथ विरोध प्रदर्शन की जांच एनआईए से कराने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट में शुक्रवार को दाखिल की गई है। कोर्ट ने इसे स्वीकार किया है और जल्द ही इस पर सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता देवदत्त मांझी ने अपनी याचिका में कहा है कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा नेत्री की टिप्पणी के बाद अलकायदा ने भारत के चार शहरों में हमले की चेतावनी दी थी। उसमें जो रास्ता अख्तियार करने की बात कही गई है ठीक उसी तरह से हावड़ा के अंकुरहाटी में विरोध प्रदर्शन हुआ है। इसलिए इसकी एनआईए जांच होनी चाहिए।
दरअसल गुरुवार को दोपहर 12:00 बजे से हावड़ा के अंकुरहाटी में छह नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को रोककर मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। हजारों गाड़ियां दोनों तरफ खड़ी हो गई थीं और एंबुलेंस के साथ अस्पताल से लौट रहे रोगियों को भी नहीं जाने दिया गया। शाम 5:00 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की लेकिन उसका भी कोई लाभ नहीं हुआ और 11:30 बजे तक सड़क जाम रखा गया।
यातायात जाम की स्थिति ऐसी बिगड़ी की सेकंड हुगली ब्रिज तक गाड़ियों का तांता लग गया। नियमित यात्री वाहनों से उतर कर पैदल चलने को मजबूर हो गये। भाजपा ने इस विरोध प्रदर्शन में प्रशासन की विफलता का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता यहां के साधारण लोगों को मुश्किल में डाल रही हैं। अब देवदत्त मांझी ने दावा किया है कि इस पूरे प्रदर्शन के पीछे अलकायदा का हाथ है और इसकी एनआईए जांच होनी चाहिए।
टिप्पणियाँ