यूएस आर्मी पैसिफिक के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने बुधवार को भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से नई दिल्ली में मुलाकात की। दोनों के बीच आपसी हित के मुद्दों और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई। अमेरिकी जनरल ने पूर्वी लद्दाख के पास चीनी सेना की गतिविधियों को ‘आंख खोलने वाली’ और कुछ बुनियादी ढांचों को खतरनाक बताया है।
शीर्ष अमेरिकी जनरल ने भारत के खिलाफ हिमालयी सीमा पर चीनी गतिविधियों को ‘अस्थिर करने वाला बुरा बर्ताव’ बताया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चीनी गतिविधि का स्तर आंखें खोलने वाला है। मुझे लगता है कि पश्चिमी थिएटर कमांड में तैयार किया जा रहा बुनियादी ढांचा खतरनाक है। जनरल फ्लिन ने कहा कि चीन का विस्तारवादी रास्ता क्षेत्र में शांति के लिए मददगार नहीं है। मुझे लगता है कि चीन के भ्रष्ट व्यवहारों का विरोध करने लिए हमें एक साथ तेजी से काम करना चाहिए।
जनरल फ्लिन ने कहा कि भारत और अमेरिका इसी साल अक्टूबर में हिमालय पर 9 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर प्रशिक्षण मिशन आयोजित करने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी स्थान तय नहीं किया गया है। इसके बाद भारतीय सेनाएं अलास्का में भीषण ठंड के मौसम की स्थिति में प्रशिक्षण लेंगी। यह अभ्यास उच्च-ऊंचाई वाले युद्ध के क्षेत्र में अत्यंत उच्च-स्तरीय संयुक्त संचालन के लिए होते हैं। इसमें नई तकनीक, वायु सेना की संपत्ति, हवाई हमले, रसद और वास्तविक समय के आधार पर सूचना साझा करना शामिल है। जनरल ने कहा कि ये सभी अमूल्य अवसर हैं जिनका भारतीय सेना और अमेरिकी सेना फायदा उठा सकते हैं।
जनरल चार्ल्स ए फ्लिन को बताया गया कि जनवरी में उपग्रह तस्वीरों से खुलासा हुआ था कि चीन पैन्गोंग झील के पार अपने क्षेत्र में दूसरे पुल का निर्माण कर रहा है, जिससे यह पुल चीनी सेना के लिए इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से पहुंचाने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, चीनियों ने अपने हवाई क्षेत्रों और सड़क के बुनियादी ढांचे को काफी उन्नत और विस्तारित किया है, जिससे हिमालय की सीमा के पार भारत के लिए सीधा खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी जनरल ने चिंता जताई कि एक दर्जन से अधिक दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद चीनी सेना कई क्षेत्रों से पीछे नहीं हटी है, जिन पर उन्होंने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
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