पंजाब से लगते हरियाणा के 10 जिले नशे की गिरफ्त में हैं। चिंता की बात यह है कि 13 से 18 साल के बच्चे और मानसिक रूप से कमजोर युवा भी इसकी चपेट में आकर एचआईवी एड्स और हेपेटाइटिस जैसे असाध्य रोगों का बन रहे शिकार
हरियाणा का बड़ा भाई कहे जाने वाले पंजाब में युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में है। अब इसका असर छोटे भाई पर भी दिखने लगा है। पंजाब से सटे हरियाणा के 10 जिलों में नशे की स्थिति भयावह होती जा रही है। सिरसा, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, नूंह, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत और सोनीपत पूरी तरह से नशे की चपेट में आ चुके हैं। यानी आधा हरियाणा नशे की गिरफ्त में आ चुका है। ड्रग हैंडलर छोटी उम्र के बच्चों और मानसिक रूप से कमजोर लोगों को नशे की लत लगा कर उन्हें ड्रग पेडलर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। सिरसा जिले की स्थिति तो चौंकाने वाली है।
हेरोइन का नशा करने के आदी युवाओं की हाथों-पैरों की नसें खत्म हो चुकी हैं। एक ही सिरिंज बार-बार प्रयोग करने के कारण लोगा एचआईवी एड्स, हेपेटाइटिस बी और सी जैसे रोगों के शिकार बन रहे हैं। अगर सिविल अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 58 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं। इनमें से तीन की उम्र 13 से 18 वर्ष है, जबकि 23 हेपेटाइटिस सी और दो हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त हैं। अस्पताल के ओएसटी (ओपिआयड सबस्टिट्यूशन थेरेपी) सेंटर में 898 मरीज भर्ती हैं। इनमें 35 नशा करने वालों की मौत हो चुकी है, जबकि 59 लोग जिला छोड़ कर जा चुके हैं।
हालांकि नशा प्रभावित इन जिलों में युवाओं को नशे के मकड़जाल से निकालने और ड्रग तस्करों पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार द्वारा नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाने, उनकी काउंसलिंग करने और तस्करों की पहचान करने के लिए एक्शन प्लान बनाने की बातें कही जाती रही हैं। इसके लिए सरकार ने बाकायदा टोल फ्री नंबर भी जारी किया हुआ है।
बावजूद इसके स्थिति ज्यों की त्यों है। इसकी पोल खुद मुख्यमंत्री ने हाल ही में सिरसा जिले के ओढ़ा में हरियाणा प्रगति रैली में खोली। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा जिले को नशे के दलदल से निकालने के लिए जिले में ज्यादा से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र खोलने की बात कही। साथ ही, पुलिस व नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से जागरुकता भी फैलाई जाएगी। गांव में कमेटियां बनाकर नशे को दूर करने के लिए जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। नशे से कैसे युवाओं को बचाया जाए इसके लिए जिले के 50 गांव में 10 लाख रुपए की लागत से व्यायामशालाएं बनवाई जाएंगी ताकि युवाओं का मन खेलों में लगा रहे।
नशे के कारोबार से जुड़े लोग 13 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों को नशे की लत लगा रहे हैं। नशे के आदी हो जाने के बाद वे उनसे हेरोइन की तस्करी कराते हैं। दूसरी ओर, सिरसा नागरिक अस्पताल स्थिति नशा मुक्ति केंद्र में ऐसे मरीज आ रहे हैं जो मंदबुद्धि हैं और ठीक से अपना नाम भी नहीं बता सकते। लेकिन उन्हें नशे की लत पड़ चुकी है। ऐसे लोगों को तस्कर पहले नशे की आदत डालते हैं और बाद में उनका इस्तेमाल ड्रग्स पैडलर के तौर पर करते हैं। ल्ल
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