नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने अर्जन देव बलिदान दिवस के अवसर पर पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन करने जाने के इच्छुक 163 सिख तीर्थयात्रियों को वीसा जारी किया है। उच्चायोग ने ये वीसा 8 से 17 जून तक चलने वाले इस वार्षिक उत्सव के लिए जारी किया है। उल्लेखनीय है कि हर साल इस मौके पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री वीसा लेकर भारत से पाकिस्तान जाते हैं।
कल यानी 7 जून को पाकिस्तान उच्चायोग ने एक वक्तव्य जारी करके जानकारी दी कि 163 सिख तीर्थयात्रियों को वीसा जारी किए हैं। पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस संबंध में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 1974 के पांथिक स्थलों की यात्रा को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तय किए गए प्रोटोकॉल के अंतर्गत वीसा जारी किए गए हैं।
अपने वक्तव्य में पाकिस्तान उच्चायोग ने कहा है कि हर साल भारत से बड़ी संख्या में सिख और हिंदू तीर्थयात्री पाकिस्तान जाते हैं। नई दिल्ली से जारी किए गए ये वीसा अन्य देशों के इन कार्यक्रमों में भाग लेने आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को दिए गए वीसा के अलावा हैं।’
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आगे लिखा है कि इस अवसर पर उच्चायोग के ‘चार्ज डी अफेयर्स’ आफताब हसन खान ने तीर्थयात्रियों को दिल से बधाई दी और उनकी यात्रा के सफल रहने की कामना की। खान ने कहा, ‘पाकिस्तान पवित्र पांथिक स्थलों को संरक्षित करने और वहां आने वाले तीर्थयात्रियों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करने में बहुत गर्व महसूस करता है।’
आज भारत से ये तीर्थयात्री पाकिस्तान में प्रवेश करने वाले हैं, जिनकी वापसी 17 जून को होगी। तीर्थयात्रियों में इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साह है और गुरु अर्जन देव की स्मृति में उनको नमन करते हुए वे पाकिस्तान स्थित अनेक गुरुद्वारों में मत्था टेकने जाएंगे जिनमें प्रमुख हैं पंजा साहिब, ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब।
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