जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना तालिब हुसैन को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। हिज्बुल किश्तवाड़ इलाके में नए सिरे से भर्ती करके अपने काडर को फिर से मजबूत करने का काम कर रहा था। लेकिन सुरक्षा बलों को उस समय सफलता हाथ लगी जब 17 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त आपरेशन में उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के अनुसार तालिब किश्तवाड़ में काफी समय से सक्रिय था। लेकिन आजकल बेंगलुरु में छिपा था। इस बात की खबर के बाद हमारी टीमें वहां गईं और उसे दबोच लिया। इसका पकड़ा जाना बड़ी कामयाबी इसलिए है, क्योंकि राजौरी-पुंछ में यह आतंकी गतिविधियों को दोबारा सक्रिय करने में लगा हुआ था। ऐसे में तालिब के गिरफ्तार होने के बाद इलाके में आतंक पर लगाम लगेगी।
बता दें कि तालिब हिज्बुल में शामिल होने के बाद किश्तवाड़ के मारवाह और दछन के ऊपरी इलाकों में हथियारों के साथ घूमते देखा जाता था। नागसेनी तहसील में राशगवारी के रहने वाले तालिब के परिवार ने कई बार पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और तालिब को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटाने के लिए मदद मांगी थी। उल्लेखनीय है कि तालिब हुसैन सबसे ज्यादा वक्त तक जिंदा रहने वाला आतंकी है। वह 2016 से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। 2016 में तालिब गुर्जर रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। कुछ महीने बाद पता चला कि वह आतंकी बन गया है। तभी से सुरक्षा बल उसके पीछे लगे थे। लेकिन हर बार वह चकमा देकर फरार हो जाता था। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां लगातार उसका पीछा कर रही थीं।
आतंकी मॉड्यूल्स पर हो रही कार्रवाई
टारगेट किलिंग की घटनाओं पर दिलबाग सिंह मीडिया से बात करते हुए कहते हैं कि धीरे—धीरे माहौल शांत हो रहा है। इसके अलावा टारगेट किलिंग के पीछे जो लोग हैं, उनकी पहचान हो चुकी है। अब उन पर कार्रवाई होनी है। जो आतंकी मॉड्यूल्स हैं, उन पर कार्रवाई हो रही है। अब तक ऐसे 47 मॉड्यूल्स पर कार्रवाई की है। जो किलिंग में शामिल थे, सक्रिय थे, उनमें से ज्यादातर मारे जा चुके हैं। इस तरह के और लोगों की पहचान जारी है और उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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