कश्मीर में बीते कुछ दिनों से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। आतंकी आए दिन हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। टारगेट किलिंग की घटनाओं की वजह से कश्मीरी हिंदुओं का पलायन जारी है। सरकारी कर्मचारी घाटी छोड़कर जम्मू आ रहे हैं। हालात को देखते हुए शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू कश्मीर के डीजीपी, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए, जहां अमरनाथ यात्रा को लेकर भी विचार किया गया है।
जानकारी के अनुसार बैठक में कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा पर चर्चा हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने घाटी में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा और घाटी के हालातों की जानकारी ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर भी समीक्षा की गई। घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही इन हालातों से निपटने की रणनीति पर विचार किया गया।
मीटिंग में बताया गया कि 12 मई को हुई राहुल भट्ट की हत्या के बाद से कश्मीरी हिंदुओं में आक्रोश है। वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। लगभग 6,000 कर्मचारियों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया है। लोग घाटी के बाहर ट्रांसफर करने की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि कर्मचारियों को घाटी से बाहर नहीं जाने देंगे, बल्कि सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया जाएगा। जानकारी के अनुसार बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि अमरनाथ यात्रा में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। 30 जून से 11 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
बता दें कि हाल ही में घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिमसे हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। पहले सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट, फिर महिला टीचर रजनी बाला और उसके बाद बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन सबके अलावा सुरक्षाकर्मियों और श्रमिकों को भी निशाना बनाया जा रहा हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने 15 दिन में यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी।
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