अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की तीन दिवसीय बैठक 29 मई को शिमला में पूर्ण हुई। देश के विभिन्न भागों से बैठक में पहुँचे प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में हुए कार्यों की समीक्षा की तथा आगामी वर्ष की योजना बनाई। बैठक में आए सभी प्रतिनिधियों ने एक सार्थक चर्चा के उपरांत, अगले वर्ष की हेतु नवीन कार्ययोजनाएं एवं लक्ष्य तय किए हैं। तीन दिनों तक चले इस मंथन में समसामयिक विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। संगठन के कार्यदिशा एवं कार्यविस्तार के संदर्भ में सभी कार्यकर्ताओं के सुझाव लिए गए।
विदित हो कि अभाविप अगले वर्ष अपने 75वें वर्ष में प्रवेश करेगी, इसी को ध्यान में रखकर, संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण पर ज़ोर देते हुए, योजनाएं बनाई गईं हैं। इस बैठक में चार प्रस्ताव भी पारित किए गए। जिनमें पहले प्रस्ताव में , राज्य सरकारों के राज्य विश्वविद्यालयों में बढ़ते हस्तक्षेप के कारण, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता कम करने के प्रयासों को लेकर विरोध जताया गया। दूसरा प्रस्ताव वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य को लेकर है, जिसमें वर्तमान में चल रहे सभी विषयों पर विचार-विमर्श कर मत स्पष्ट किया गया। तीसरा प्रस्ताव छात्र केंद्रित एवं भविष्योन्मुखी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में रहा जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शीघ्र क्रियान्वयन एवं जिन राज्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू नहीं किया जा रहा है, वहाँ के छात्रों एवं अभिभावकों से एक आह्वान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु किया गया। चौथा प्रस्ताव स्वावलंबी भारत बनाने की ओर अग्रसर हो युवा पारित किया गया जिसमें देश में आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन को बढ़ाने वाले प्रयासों को प्रोत्साहन देने एवं युवाओं में स्वावलंबी बनने के विचार पर बल देने का आग्रह किया गया। अभाविप के 75 वर्ष होने पर युवाओं से एक आह्वाहन भी किया गया जिसमें उनसे पंथ, जाति आदि के भेदभाव को त्यागकर, अपना कुछ समय देश हित में समर्पित करने का आग्रह किया गया।
बैठक में आगामी वर्ष के लिए कुछ बड़े निर्णय भी लिए गए जिसमें, अभाविप के आयाम विकासार्थ विद्यार्थी (स्टूडेंट्स फ़ॉर डेवलपमेंट) के माध्यम से 1 करोड़ पौधारोपण करने की योजना बनाई गई। इसके निमित्त, ‘वृक्ष मित्र’ बनाने की प्रक्रिया भी 5 जून से आरम्भ हो जाएगी। पिछले वर्ष, आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अभाविप के कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता दिवस पर 1 लाख गांव में ध्वजारोहण किया था। इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अभाविप के कार्यकर्ता 2 लाख गांव में जाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र के कारण, आत्महत्या को मजबूर होने वाली छात्रा लावण्या के न्याय की लड़ाई को भी विद्यार्थी परिषद निरंतर जारी रखेगी। संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से अभविप सितंबर माह में “सेल्फी विद कैंपस यूनिट” अभियान आरम्भ करेगी। अभाविप के मुखपत्र , ‘छात्रशक्ति’ के पंजीकरण को भी बढ़ाकर 1 लाख करने का लक्ष्य लिया गया। देश की वर्तमान परिस्तिथि को देखते हुए, अभाविप ने देश भर के रक्तदान दाताओं की सूची बनाने का भी निर्णय किया। इसके साथ, कुछ आगामी बैठकों की भी तिथि निश्चित हुई, जिसमे अगली कार्यसमिति की बैठक 6-7 अगस्त को ओडिशा में होना तय हुआ। अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन 24-27 नवंबर को जयपुर प्रांत में होगा।
अभविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि , ” राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की यह बैठक हमारे लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही। हमारा सौभाग्य था कि यह बैठक शिमला के प्राकृतिक एवं शांतिपूर्ण वातावरण में पूर्ण हुई। इस बैठक में पारित हुए प्रस्तावों एवं लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन में विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यकर्ता लगेंगे। देश भर से आये प्रतिनिधि अपने साथ एक इस बैठक से बहुत कुछ लेकर गए हैं जो कि देश भर के शिक्षण-संस्थानों में छात्र सक्रियता को नई दिशा देगा।”
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