उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को सभी प्रशासकीय सचिवों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की हुई एक बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं। इसके तहत कश्मीर घाटी में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के अंतर्गत नियुक्त कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को 6 जून तक सुरक्षित स्थानों पर नियुक्त किया जाएगा। उनकी समस्याओं और मुद्दों के समाधान के लिए उपराज्यपाल सचिवालय और महाप्रशासनिक विभाग में एक विशेष प्रकोष्ठ भी बनाया जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा कि अगर कोई वरिष्ठ अधिकारी कश्मीरी हिन्दू कर्मचारियों को प्रताड़ित करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उन्हें अलग-थलग और दूरदराज के इलाकों में तैनात करने के बजाय यथासंभव किसी एक ही शहर या कस्बे में तैनात किया जाएगा। उन्हें एक साथ ही आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी।
दरअसल, कश्मीर घाटी में बीते दो महीनों से लगातार बढ़ रही टारगेट किलिंग से लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। आतंकियों ने पिछले 20 दिनों में कश्मीर में दो हिंदू कर्मचारियों की हत्या की है। इनमें सांबा, जम्मू की रहने वाली अध्यापिका रजनी बाला हैं। अनुसूचित जाति से संबंधित रजनी बाला को मंगलवार की सुबह उसके स्कूल के बाहर आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जबकि इससे पहले 12 मई को आंतकियों ने कश्मीरी हिंदू राहुल भट्ट की हत्या की थी। कश्मीर में तैनात कश्मीरी हिंदू बीते 20 दिनों से कश्मीर से बाहर अपने स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।
रजनी बाला की हत्या के बाद कश्मीर में कार्यरत जम्मू प्रांत के हिंदू कर्मियों ने भी अपने स्थानांतरण की मांग शुरू कर दी है। कश्मीरी हिंदू कर्मियों ने अपनी मांगों को पूरा न किए जाने पर वादी से पलायन की चेतावनी भी दी है। इन हालातों से निपटने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नियुक्ति कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीर में तैनात जम्मू प्रांत के नागरिकों व अन्य अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर घाटी में आम नागरिकों विशेषकर अल्पसंख्यकों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। बैठक में तय किया गया कि कश्मीर घाटी में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत तैनात विस्थापित कश्मीरी हिंदू और जम्मू प्रांत से संबंधित अन्य कर्मचारियों को घाटी में 6 जून तक सुरक्षित जगहों पर तैनात किया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि यह प्रक्रिया छह जून सोमवार तक पूरी होनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित बनाया जाए कि कोई भी कर्मचारी किसी दूर दराज के इलाके में या फिर अलग-थलग न रहे।
बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए संबधित अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नियुक्त सभी विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मियों की पदोन्नति और वरिष्ठता सूची का मामला भी अगले तीन सप्ताह के भीतर पूरी तरह हल कर लिया जाएगा। जिला उपायुक्त और जिला एसएसपी अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में इन सभी कर्मियों की आवासीय सुविधा का आकलन करेंगे।
गृहमंत्री करेंगे बैठक
वहीं आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर LG मनोज सिन्हा कश्मीरी पंडितों की हत्याओं पर तत्काल बैठक करेंगे। यह बैठक 3 जून को दिल्ली में होनी है जिसमें NSA अजित डोभाल और जम्मू-कश्मीर के DGP और गृह मंत्रालय के संबंधित अधिकारी हिस्सा लेंगे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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