एर्दोगन का यह बयान ठीक ऐसे वक्त पर आया है जब अमेरिका स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को लेकर आश्वस्त हो चला है। अमेरिका का कहना है कि तुर्की की चिंताओं का जल्दी ही समाधान कर लिया जाएगा
नाटो समूह में फिनलैंड और स्वीडन को शामिल करने को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के तेवर तीखे हो चले हैं। उनका साफ कहना है कि फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल नहीं करना चाहिए। बेशक, वे लंबे समय से फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में जोड़ने का मुखर विरोध करते आ रहे हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन ने बताया है कि हाल में फिनलैंड और स्वीडन के नेताओं के साथ हुई बैठकें वैसी नहीं रहीं जैसी रहनी चाहिए थीं। उन्होंने तुर्की की सुरक्षा चिंताओं के समाधान के लिए कुछ नहीं किया है।
हुर्रियत दैनिक लिखता है कि 28 मई को अजरबैजान के दौरे से लोटते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने विमान में पत्रकारों के सामने साफ कहा था कि जब तक वे तुर्की के राष्ट्रपति हैं, तब तक फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में लिए जाने का विरोध करते रहेंगे, क्योंकि ये दोनों देश आतंकवाद के पोसने वाले हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि तुर्की नाटो के संयोजन में क्या भूमिका निभाता है। नाटो में इन दोनों देशों को शामिल करने की सुगबुगाहट पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही आंखें तरेर चुके हैं और गंभीर नतीजों की चेतावनी दे चुके हैं।
एर्दोगन ने उल्लेख किया कि सीरिया में सीरियाई कुर्द प्रशासन के सदस्य सालिह मुस्लिम के साथ स्वीडन के सरकारी टेलीविजन पर साक्षात्कार लिया गया था और यह साक्षात्कार उसी दिन हुआ था जिस दिन प्रतिनिधिमंडलों में चर्चा हुई थी। एर्दोगन मानते हैं कि उस साक्षात्कार से साथ हो गया था कि स्वीडन सीरिया के कुर्द आतंकवादियों का समर्थन करता है। तुर्की का मानना है कि ये कुर्द गुट का फैलाव ही है। ये गुट ही 1984 से तुर्की के विरुद्ध विद्रोह की अगुआई करता आ रहा है।
राष्ट्रपति एर्दोगन के अनुसार, फिनलैंड और स्वीडन ईमानदारी नहीं बरत रहे हैं। हमने कसम खाई है कि उन देशों को नाटो में आने की इजाजत नहीं देंगे जो आतंकवादियों को पोसते हैं। उल्लेखनीय है कि एर्दोगन का यह बयान ठीक ऐसे वक्त पर आया है जब अमेरिका स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को लेकर आश्वस्त हो चला है। अमेरिका का कहना है कि तुर्की की चिंताओं का जल्दी ही समाधान कर लिया जाएगा। इस सबके बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खुद स्वीडन और फिनलैंड के साथ खड़े होने की बात कर चुके हैं।
आगे ये देखना दिलचस्प होगा कि तुर्की नाटो के संयोजन में क्या भूमिका निभाता है। नाटो में इन दोनों देशों को शामिल करने की सुगबुगाहट पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही आंखें तरेर चुके हैं और गंभीर नतीजों की चेतावनी दे चुके हैं।
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