ताज नगरी आगरा की शान कही जाने वाली यमुना जी मैली हो चुकी है इन दिनों करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी यमुना में जा रहा है। यमुना जी में बिना ट्रीटमेंट सीवर का पानी सीधे जा रहा है।
यमुना जी को साफ रखने के सभी सरकारी दावे इस वक्त हवा में है। हरियाणा के हाथीकुंड के बाद से इलाहाबाद तक सैकड़ों स्थान ऐसे चिन्हित किए गए है, जहां गंदे नालों का पानी, उद्योगों का कचरा और सीवर का पानी जा कर पावन नदी में मिल रहा है।
आगरा में पिछले एक हफ्ते के सर्वे में एक बात सामने आई है कि करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी रोज यमुना जी में गिरकर बहकर गिर रहा हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से वाटर वर्क्स, जीवन मंडी, बुड़ीबंगला ट्रांस यमुना क्षेत्र से नालों सीवर का पानी बिना ट्रीटमेंट किए यमुना जी में जाता देखा जा सकता है।
पिछले दिनों यमुना को ताज महल के पीछे एक बैराज बनाकर झील में तब्दील करने की बात कही जा रही थी, लेकिन जो हालात इस समय यमुना जी के है उसे देख कर यहीं लगता है कि ताज के पीछे झील बनेगी भी तो गंदा तालाब दिखलाई देगी।
बरहाल यूपी जल संस्थान और नगर विकास मंत्रालय के साथ साथ प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सहित अन्य संस्थाओं को मिलकर यमुना जी को शुद्ध निर्मल बनाने के लिए एक बड़ी योजना बनानी होगी। तभी यमुना का पुराना रूप लौट पाएगा।
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