राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य और आर्गनाइजर के 75 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली के द अशोक होटल में रविवार को पाञ्चजन्य-आर्गनाइजर मीडिया महामंथन 2022 का आयोजन हो रहा है। पांचवें सत्र में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपने विचार रख रहे हैं।
चौथे सत्र में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने विचार रखे।
तीसरे सत्र में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने विचार रखे। उन्होंने हरियाणा की कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी से कर्मचारियों का तबादला किया जाता है। लाल डो़रा को खत्म कर हर एक को उसकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाएंगे। हमने यह योजना शुरू की। ये पूरे देश में स्वामित्व योजना के रूप में लागू हुई। परिवार पहचान पत्र के नाम से नई योजना बनाई। 69 लाख परिवार को रजिस्टर्ड किया। हर एक परिवार की जानकारी हमारे पास है।
दूसरे सत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विचार रखे। धामी ने कहा कि लगभग 17 स्थान हम लोगों ने चिह्नित किए हैं। उन्हें विकसित किया जा रहा है। कैंची धाम में बड़ी पार्किंग बनने जा रही है। सारे धाम एक सर्किट के रूप में बने, इस तरह की योजना। चारों धाम के दर्शन करें और इन सत्रह स्थानों पर जाएं, यह भी हमारी इच्छा है। इस पर काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रोजगार के क्षेत्र में पर्यटन, बागवानी, फलों की खेती, होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है।
धामी ने कहा कि अपराधियों पर हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। कानून सख्ती से काम कर रहा है। अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उनसे कहा गया है कि वे उत्तराखंड छोड़ दें या तो जेल में जाएं।
शपथ ग्रहण के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है, जो बाहर से यहां घुस आए हैं। अभियान सख्ती से चल रहा है। कन्वर्जन का कानून और सख्त करने पर काम कर रहे हैं।
उत्तराखंड अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र है। दो-दो अंतराष्ट्रीय सीमाएं हमारे राज्य से लगी हैं। हमारे यहां किसी न किसी परिवार से कोई न कोई सेना में जरूर है। हमने चुनाव में वादा किया था कि हम सभी लोगों के लिए समान कानून लेकर आएंगे। हमने इसे लागू किया है। दूसरे राज्य भी इसे लागू करें।
देवभूमि में अतिक्रमण की समस्या पर धामी ने कहा कि मैं बहुत जोर से नहीं बोलता लेकिन काम सख्ती से करता हूं। अतिक्रमण पर सख्ती से काम होगा। जनसंख्या, घुसपैठ नियंत्रण पर भी ध्यान दिया जाएगा।
पहले सत्र में सोशल मीडिया पंचायत में मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा हुई। इसमें लोक गायिका मालिनी अवस्थी, भाजपा नेता कपिल मिश्रा, लेखिका और वक्ता शेफाली वैद्य, लेखक आनंद रंगनाथन, विश्लेषक और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर अंशुल सक्सेना, पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और आर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने अपने विचार रखे।
मालिनी अवस्थी ने कहा कि जो असहिष्णुता का राग अलापते हैं उनसे ज्यादा असहिष्णु कोई नहीं। और ये बात सभी को जाननी चाहिए। हर कोई जो भारतीय आभा से प्रभावित है, उसका अपमान करना, उसे हेयदृष्टि से जो देखते हैं वे भारत के शत्रु हैं। सोशल मीडिया दोधारी तलवार है, भारत एक सोई नींद से जागा हो, इसका श्रेय सोशल मीडिया को जाता है।
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