उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क सुरक्षा के संबंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन अमूल्य है। यह अत्यन्त दुःखद है कि प्रति वर्ष बहुत से लोग थोड़ी सी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाओं में असमय काल-कवलित हो जाते हैं। अतः हमें सतत सतर्क सावधान रहना होगा। सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या को समाप्त करना होगा। पटरी व्यवसायियों के स्थान का चिन्हांकन करते हुए यह सुनिश्चित करें कि कोई तय स्थान के बाहर दुकान न लगाएं, नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ करना होगा। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थायी समाधान करे। अन्यथा की स्थिति में जवाबदेही तय की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि सड़क एवं ओवरब्रिज स्टंट करने की जगह नहीं है। ऐसी अराजकता पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। हेलमेट एवं सीटबेल्ट के प्रयोग को अनिवार्य रूप से कड़ाई के साथ लागू किया जाए। विद्यालयों में ‘रोड सेफ्टी क्लब’ का गठन करने की दिशा में कार्रवाई तेज करें। सड़क सुरक्षा केवल एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। यह सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो सकेगा। अतः सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ वृहद अभियान चलाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जगह-जगह पर संचालित किए जा रहे अवैध स्टैंडों को अगले 48 घंटे के भीतर समाप्त करने के लिए कार्रवाई की जाए। स्टैंडों के लिए जगह तय की जाए और ऐसे स्टैंड नियमानुसार संचालित किए जाएं। इसके साथ ही, इनमें यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। सड़कों पर पार्किंग न होने पाए। पार्किंग की जगह सुनिश्चित की जाए।
सीएम ने कहा कि स्पीड ब्रेकर निर्माण करते समय लोगों की सुविधा का ध्यान भी रखें। स्पीड ब्रेकर टेबल टॉप हों। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। खराब डिजाइनिंग की वजह से अक्सर लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती है। ऐसा देखा जा रहा है कि अनेक अवैध एवं डग्गामार बसें उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर विभिन्न राज्यों की ओर जा रही हैं। यह बसें ओवरलोड होती हैं। इनकी स्थिति भी जर्जर होती हैं। परिवहन विभाग द्वारा विशेष सतर्कता बरतते हुए ऐसे बसों के संचालन को रोका जाए। इनके परमिट सहित अन्य दस्तावेजों की जांच हो।
इस बैठक में प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक (क्षेत्र), पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक (परिक्षेत्र), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ नगर विकास, परिवहन, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा आदि विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा जिला स्तरीय अधिकारियों एवं समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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