डॉ. माणिक साहा त्रिपुरा के नये मुख्यमंत्री होंगे। त्रिपुरा विधायक दल की शनिवार की शाम को हुई बैठक में उन्हें सर्व सम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।
त्रिपुरा की राजनीति में शनिवार को बहुत तेजी से एक के बाद एक घटनाक्रम बदलता रहा। दिल्ली से केंद्रीय भाजपा नेताओं से मिलकर अगरतला पहुंचे बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को अचानक राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नये मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया आरंभ हो गई।
केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में भूपेंद्र यादव और बिनोद तावड़े को अगरतला भेजा था। दोनों भाजपा पर्यवक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चुनाव किया गया, जिसकी घोषणा भूपेंद्र यादव ने की। उनके अलावा भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद सोनकर भी बैठक में शामिल हुए।
गौरतलब है कि डॉ. माणिक साहा ने त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। वह राज्यसभा के सदस्य भी हैं।पार्टी ने उन्हें माकपा उम्मीदवार भानुलाल साहा के खिलाफ इस साल की शुरुआत में त्रिपुरा में हुए राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में उतारा था।
बिप्लब कुमार देब का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा राज्य में चुनाव से एक साल पहले आया है। देब का इस्तीफा भाजपा की त्रिपुरा राज्य इकाई के अंदर चल रहे संघर्ष की खबरों के बीच आया है। उन्होंने आज राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की। मीडिया से बातचीत में देब ने कहा, “पार्टी चाहती है कि मैं संगठन को मजबूत करने के लिए काम करूं। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है।”
विधायक दल के बैठक के बाद डॉ. माणिक साहा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना दायित्व पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश किया हूं। फिर पार्टी द्वारा मुझे राज्यसभा में भेजकर सांसद का दायित्व दिया गया। आज मैं त्रिपुरा का मुख्यमंत्री चुना गया हूं। त्रिपुरा को और प्रगति की राह पर ले जाने के लिए मैं अहम भूमिका निभाऊंगा। इसी आशा के साथ अभी राजभवन जा रहा हूं।
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