पूरे देश में जिहादी तत्व हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं। लगभग सवा महीने के अंदर दो हिंदुओं की हत्या पीट—पीट कर कर दी गई है। इसके बावजूद सोनिया गांधी कह रही हैं कि देश में मुसलमान डरे हुए हैं। क्या वह बता सकती हैं कि कोई डरा हुआ समाज किसी की हत्या कर सकता है!!
उदयुपर में कांग्रेस के चिन्तन शिविर में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक यानी मुसलमानों में डर का माहौल है। यह बयान उस राज्य में दिया गया है, जहां कुछ ही दिनों के अंदर मुसलमानों द्वारा हिंदुओं पर हमले की अनेक घटनाएं घटी हैं। यही नहीं, दो हिंदुओं की हत्या भी मुसलमानों की भीड़ ने की है। अभी दो दिन पहले ही भीलवाड़ा में मुसलमानों की भीड़ ने एक हिंदू युवक आदर्श तापड़िया की हत्या कर दी। आदर्श की हत्या इसलिए कर दी गई कि वह जब—तब मुस्लिम कट्टरवादियोें का विरोध करते थे। इसलिए एक षड्यंत्र के तहत उनकी हत्या कुछ नाबालिगों द्वारा करवाई गई। यह हत्या नाबालिगों से इसलिए करवाई गई कि पकड़े जाने पर वे आज नहीं तो कल छूट ही जाएंगे।
इससे पहले चैत्र नवरात्र के समय करौली में हिंदुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर मुसलमानों ने हमला किया था। इसके बाद जोधपुर में मुसलमानों ने हिंदुओं पर हमला किया। इसमें एक हिंदू की जान भी चली गई थी। फिर हनुमानगढ़ में भी हिंदुओं पर हमले हुए। भरतपुर में भी मुसलमानों ने हिंदुओं और सिखों पर हमला किया।
इन घटनाओं की निंदा न तो सोनिया गांधी ने की और न राहुल गांधी ने। उल्टे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन घटनाओं के लिए हिंदुओं को दोषी ठहरा दिया। केवल राजस्थान में ही नहीं, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, मुम्बई, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी मुसलमानों ने हिंदुओं पर हमले किए। ये सारी घटनाएं केवल सवा महीने के अंदर की हैं। क्या सोनिया गांधी बता सकती हैं कि कोई डरा हुआ समाज किसी पर हमला कर सकता है!
ऐसा लगता है कि लगातार चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेसी नेताओं को सद्बुद्धि नहीं आ रही है। तुष्टीकरण की राजनीति ने ही कांग्रेस को देश से लगभग समाप्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे बड़े राज्यों में कई दशके से कांग्रेस हाशिए पर है। अब तो उससे दिल्ली भी लगातार दूर होती जा रही है।
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