बिहार में पूर्णिया जिले के कस्बा प्रखंड की मोहिनी पंचायत के टीकापुर गांव में एक शिव मंदिर है। मंदिर समिति के पास 250 बीघा जमीन है। अब इसी जमीन पर कुछ जिहादी तत्व कब्रिस्तान बनवा रहे हैं। हालांकि विरोध के बाद काम बंद कर दिया गया है। स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि जिहादी तत्व कई साल से इस जमीन पर नजर गड़ाए हुए हैं। दुर्भाग्य से मंदिर समिति की निष्क्रियता के चलते जिहादी तत्व अपने उद्देश्य में सफल रहे। आरोप है कि कस्बा में जब भी कोई मुस्लिम अंचलाधिकारी आया, उसकी मदद से फर्जी कागज बनवाया गया और मंदिर की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। जब हिंदुओं को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने प्रशासन से शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
लोगों का कहना है कि जब से कांग्रेस के अशफाक आलम कस्बा के विधायक बने हैं, तब से यहां की परिस्थिति काफी बदल गई है। वे 2015 से यहां के विधायक हैं। कस्बा के अनेक लोगों ने यह भी बताया कि जिहादी तत्वों ने 2017 में इस जमीन को एक मुस्लिम कर्मचारी के जरिए कब्रिस्तान की जमीन बताना शुरू किया। उस कर्मचारी का नाम है इकबाल अंसारी। इकबाल ने अपनी रपट में बताया कि यह जमीन कब्रिस्तान की है। इसके बाद इसकी चारदीवारी बनाने के लिए भी कुछ लोग दौड़-भाग करने लगे। मंदिर पक्ष ने इसका विरोध किया तो प्रशासन ने इन लोगों के विरुद्ध ही कार्रवाई की। मंदिर समिति के अध्यक्ष शिवशंकर सरकार सहित कुछ अन्य लोगों को जेल भेज दिया गया। इस कारण कुछ समय के लिए चारदीवारी का काम बंद हो गया।
गत वर्ष मो. फहीम अंसारी कस्बा के अंचलाधिकारी बने। आरोप है कि अंसारी के आने के बाद स्थाई रूप से जमीन पर कब्जे की योजना बनी। कहा जाता है कि अंचलाधिकारी की शह पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने मंदिर की जमीन पर 15 से 20 बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए। कुछ गड्ढों में जबरन लाशों को दफनाया गया। फिर अंचलाधिकारी ने नई परिस्थिति का हवाला देते हुए घेराबंदी की पहल की। मंदिर समिति ने पुन: विरोध किया। इसकी शिकायत धार्मिक न्यास बोर्ड से की गई। बोर्ड ने 26 मार्च, 2022 को पत्र संख्या-5665 द्वारा प्रशासन को मंदिर की भूमि की घेराबंदी रोकने का निर्देश दिया। इसके बावजूद चारदीवारी का काम चलता रहा। इसके बाद शिकायत जिलाधिकारी से की गई, लेकिन वे ऊपर से ‘निर्देश’ की बात कह कर चुप हो गए। इस संबंध में मो. फहीम से कई बार बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
बिहार के भू राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि मामला संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि मठ-मंदिर की भूमि के स्वामी देवी-देवता होते हैं। सरकार इस संबंध में एक कानून बनाने जा रही है। उम्मीद है कि इस कानून के आने से मंदिरों की संपत्ति की रक्षा होगी।
मंदिर समिति से जुड़े विवेक कुमार लाठ इस प्रकरण में कस्बा प्रखंड के प्रमुख मो. इरफान और पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े मो. इब्राहिम को प्रमुख षड्यंत्रकारी मानते हैं। मो. इरफान के बारे में चर्चा है कि यह बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए आवश्यक कागजात बनवाता है। वहीं लोगों ने बताया कि मो. इब्राहिम की आर्थिक हालत कुछ दिनों पहले तक अत्यन्त सामान्य थी, लेकिन पीएफआई से जुड़ने के बाद उसकी आर्थिक समृद्धि बढ़ गई। कहा जा रहा है कि इरफान की शह पर इब्राहिम मंदिर, मठ और सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाता है।
बता दें कि कस्बा में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की बड़ी संख्या है। इन लोगों को स्थानीय मुस्लिम नेता बसाते हैं। अनेक लोगों ने बताया कि शिव मंदिर की जमीन पर भी अनेक बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को बसाया गया है। जब लोग विरोध करते हैं, तो मुस्लिम नेता उनके पक्ष में कूद पड़ते हैं और घुसपैठियों को सड़कों पर उतार देते हैं। इसके बाद प्रशासन मामले को दबाने का काम करता है। इस संबंध में बिहार के भू राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि मामला संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि मठ-मंदिर की भूमि के स्वामी देवी-देवता होते हैं। सरकार इस संबंध में एक कानून बनाने जा रही है। उम्मीद है कि इस कानून के आने से मंदिरों की संपत्ति की रक्षा होगी।
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