मनोरा पहाड़ियों के बीच एक बेहद खूबसूरत विद्यालय है पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार, विद्या भारती द्वारा संचालित इस छात्रावास विद्यालय ने बेहद कम समय मे जो ख्याति अर्जित है वो प्रंशसनीय है।
नैनीताल से 3 किमी पैदल मार्ग और सड़क मार्ग से करीब 15 किमी दूर,बिष्ट स्टेट दुर्गापुर में पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार करीब 21 एकड़ भूमि में स्थापित छात्रावास विद्यालय है। इस विद्यालय को यदि हम आधुनिक गुरुकुल कहें तो गलत नही होगा। इस गुरुकुल की स्थापना के लिए श्रीमती पार्वती देवी शाह ने विद्याभारती को अपनी ये ज़मीन, बच्चो की शिक्षा के लिए दान में दी थी, 24 जुलाई 1983 को गुरु पूर्णिमा के दिन यहां शिक्षा देने के लिए जो पौधा लगाया गया वो आज हरेभरे वृक्ष का रूप ले चुका है।
आज इस छात्रावास विद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि ये नैनीताल जिसे सौ सौ साल पुराने ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित स्कूलों के नाम से पहचाना जाता था,उन्ही के बीच भारतीय सनातन गुरुकुल शिक्षा केन्द्र के रूप में सरस्वती विहार स्कूल ने अपना एक अहम स्थान बनाया है।
पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार कक्षा 6 से 12 वी तक सीबीएससी में शिक्षा देता है। महत्वपूर्ण और गौरवशाली बात ये है कि यहां बोर्ड रिजल्ट में हरवर्ष यहां के विद्यार्थी, टॉपर सूची में अवश्य ही स्थान पाते है।ये यहाँ से विद्यार्थियों की मेहनत के साथ साथ यहाँ के शिक्षकों की मेहनत का भी परिणाम है।सभी बोर्ड के परीक्षार्थियों के 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक आते रहे है जो विद्यालय की प्रतिष्ठा और भी बढ़ाते है।
सरस्वती विहार विद्यालय के विद्यार्थियों को सुबह 5 बजे से रात्रि साढ़े दस बजे तक कि दिनचर्या से गुजरना होता है, अनुशासन यहां का प्रथम सबक है जिसे हर किसी को लेना होता है। असम मेघालय त्रिपुरा हरियाणा जम्मू कश्मीर यूपी उत्तराखंड आदि राज्यो के साथ साथ यहां मित्र राष्ट्र नेपाल के भी विद्यार्थी पढ़ रहे है।
आधुनिक लाईब्रेरी
पीपीजे सरस्वती विहार विद्यालय में करीब 15 हज़ार पुस्तके है, इन पुस्तकों में देश दुनियां के महानायको की जीवनियों से लेकर भारत के वैदिक ज्ञान से जुड़ी पुस्तके भी है।हाल ही में विद्यालय प्रबन्धको द्वारा विद्यार्थियों को ई लाइब्रेरी भी उपलब्ध करवा दी है, सुबह से लेकर देर रात्रि तक विद्यार्थियों के लिए ये ज्ञान का भंडार खुला रहता है।
खेलो में सबसे आगे
नैनीताल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा खेल का मैदान है। इसके अलावा इंडोर खेलो के लिए भी बड़े बड़े हाल बने हुए है। सरस्वती विहार विद्यालय की फुटबॉल टीम उत्तराखंड के स्कूली टीमो की चैंपियन पिछले कई सालों से चली आरही है।,बास्केट बॉल,बॉक्सिंग,टेनिस,बैडमिंटन, किक बॉक्सिंग,जूडो, और साहसिक खेलो में भी यहां के खिलाड़ी अपनी अलग पहचान रखते है।बास्केट बॉल के यहाँ तीन कोर्ट बनाये गए है।एक आधुनिक जिम और मनोरंजन के लिए एक अलग सभागार बनाया गया है।
रज्जू भइया बहुउद्देश्यीय सभागार
सरस्वती विहार में तीन हज़ार की दर्शक क्षमता का एक बहुउद्देश्यीय हाल है जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व संघचालक प्रो राजेन्द्र सिंह “रज्जू भइया” हॉल के नाम से जाना जाता है। इसके दो अन्य छोटे सभागार भी है।
आधुनिक लैब और स्मार्ट क्लासेस
समय के बदलाव के साथ साथ कोरोना काल मे विद्यालय को और आधुनिक बनाने के दिशा में काम होते रहे, अब सभी कक्षाएं “स्मार्ट” हो चुकी है और आधुनिक तकनीक से यहाँ पढ़ाई करवाई जारही है। विद्यालय में विज्ञान की लैब को भी नए उपकरणों से सुसज्जित किया गया है।
आरामदेह छात्रावास और भोजनालय
सरस्वती विहार में हर शैक्षिक सत्र में करीब छह सौ विद्यार्थियों का आना होता है इनसभी के लिए बनाए गए छात्रावास आरामदेह और स्वच्छता लिए हुए है। सोलर व्यवस्था से सुसज्जित यहां का परिसर ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करता है। एक बात दावे के साथ कही जा सकती है कि यहां भोजन सबसे ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक है। जिसपर नज़र रखने के लिए प्रबन्धन व्यवस्था है, विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ फोन पर बातचीत करने की शानदार व्यवस्था है।
शिक्षकों के प्रक्षिशण की निरंतरता
पीपीजे सरस्वती विहार विद्यालय में एक खास बात और महसूस की गई कि यहां के शिक्षकों को नए समय की शिक्षा देने के लिए समय समय पर ट्रेनिंग दिए जाने का क्रम भी चलता रहता है।
विद्यार्थियों की कैरियर काउंसिलिंग
कक्षा 12 वी के बाद विद्यार्थी को अपना कैरियर कैसे आगे बढ़ाना चाहिए इस बारे में विद्यार्थियों से संवाद करने कॉउंसलिंग करने के लिए सम्मानित जनों को आमंत्रित किया जाता है।
नेशनल कैडेट कोर,स्काउट प्रशिक्षण
पीपीजे सरस्वती विहार विद्यालय में विद्यार्थियों को सेना के विंग ,एनसीसी और छोटे बच्चों के लिए स्काउट संस्था के जरिये उन्हें ट्रेनिंग दिए जाने का भी प्रबंध किया गया है ताकि बच्चे राष्ट्र के प्रति अनुशासित भाव से सेवा करते रहे।
समय समय पर बौद्धिक संवाद
यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ देश के जाने माने उद्योगपतिगण, आईएएस,आईपीएस आईएफएस संघ के अधिकारियों का संवाद होता है, व्यक्तिव विकास से जुड़े यहां खुले मंच पर बच्चे संवाद करते और अपने सवालों के जवाब हासिल करते है।
प्रवेश के लिए परीक्षा
पीपीजे सरस्वती विहार में कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। जो कि देश भर में 14 केंद्रों में आयोजित की जाती है।
पूर्व विद्यार्थियों की संस्था
पीपीजे सरस्वती विहार के पूर्व विद्यार्थियों का की यहां अपनी एक ” एल्युमिनी” संस्था है और यहां के पासआउट बच्चे कहीं भी हो वो आपसे संपर्क में रहते है और विद्यालय की बेहतरी के लिए सेवा भाव से कार्य करते है, संस्था के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल बताते है कि ये विद्यालय हमारा था नही आज भी है इस स्वाभिमान से हम यहाँ से जुड़े हुए है ।
हमने विद्यार्थियों को सनातन गुरुकुल शिक्षा पद्यति की तरह शिक्षा दी है,हमारी भारतीय संस्कृति दुनिया मे सबसे श्रेष्ठ है ये भाव ये संस्कार विद्यार्थियों में दिए जाते और आप परिणाम देखिए हमारे विद्यार्थियों ने देश विदेश में अपना और परिवार का नाम रोशन किया है : नरेंद्र कुमार सिंह, प्राचार्य
विद्यार्थियों की हर सुख सुविधा का ध्यान रखा जाता है, हम अपने स्टॉफ का और अभिभावकों के साथ भी पूरा संवाद रखते है,उनके सुझावों से सरस्वती विहार को हम एक श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान एक श्रेष्ठ गुरुकुल बना रहे है।हमारा लक्ष्य हमारा मिशन ये ही कि हमारी हिंदुत्व की संस्कृति से जुड़ कर जब हमारा विद्यार्थी राष्ट्र सेवा के लिये निकले तो हमे भी गर्व हो कि ये हमारे सरस्वती विहार से निकला हुआ विद्यार्थी है : श्याम अग्रवाल, प्रबंधक
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