आम आदमी पार्टी की पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। राजनीतिक ही नहीं, अब ये चर्चा आम हो गई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने विरोधियों को पंजाब पुलिस के माध्यम से डरा रहे हैं।
बदलाव के नाम पर पंजाब में सत्तारूढ़ हुई आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार आज बदलाखोरी की कार्रवाइयों में लिप्त है। बदले की कार्रवाइयां पंजाब के किसी नेता को लेकर नहीं, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को लेकर हो रही हैं। वहीं केजरीवाल, जो देश में लोकतंत्र की चिन्ता को लेकर दिन-रात दुबले होते रहते हैं, परन्तु पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बनते ही वे अपना असली रंग दिखाने लगे हैं। देश के इस सीमावर्ती राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार के मात्र माह-सवा माह के कार्यकाल में राजनीति से प्रेरित तीन मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनके केंद्र में केजरीवाल ही हैं। इन्हें देख पंजाब की जनता पूछने लगी है कि क्या पंजाब पुलिस (पीपी) केजरीवाल की प्राइवेट पुलिस (पीपी) बन रही है? क्या पंजाब सरकार दिल्ली की डुगडुगी पर नाचती है?
‘दि कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को दिल्ली में कर-मुक्त करने पर केजरीवाल ने संवेदनहीन बयान देते हुए कहा था, ‘‘इसे यू ट्यूब पर डाल दो बिल्कुल मुफ्त हो जाएगी।’’ इसको लेकर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिन्द्रपाल सिंह बग्गा ने मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की। इसके बाद मोहाली के रहने वाले आआपा के कार्यकर्ता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर बग्गा के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। उसने अपनी शिकायत में बग्गा पर मजहबी भावनाओं को ठेस पहुंचाने, वैमनस्य को बढ़ावा देने और शत्रुता, घृणा की भावना एवं दुर्भावना पैदा करने के लिए भड़काऊ एवं मिथ्या बयान देने के आरोप लगाए हैं।
पंजाब चुनाव के दौरान आआपा के नेता रहे कुमार विश्वास ने रहस्योद्घाटन किया था कि केजरीवाल ने खालिस्तान को लेकर देश की एकता, अखण्डता पर आपत्तिजनक बात कही थी। इस पर पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ रूपनगर कस्बे में प्राथमिकी दर्ज की। कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के अलगाववादियों के साथ संबंध थे और अलगाववादियों के साथ सहानुभूति रखने वाले लोग पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बैठकों के लिए उनके घर आते थे।
रोपड़ थाने में उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153, 153-ए, 505 और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस पर सुनवाई शुरू हो गई है। इतना ही नहीं, कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लाम्बा ने भी कुमार विश्वास के इस बयान का समर्थन किया, तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया।
एक ताजा घटना में 26 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार नरेश वत्स की पिटाई कर दी। परंतु आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 48 घंटे बाद तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश नहीं दिए। प्रेस क्लब आफ इंडिया ने पंजाब पुलिस क इस कार्रवाई की निंदा की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
अपने आधारहीन आरोपों के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेतली व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने वाले केजरीवाल अब अपने राजनीतिक विरोधियों को पुलिसिया डण्डे से डराने का प्रयास कर रहे हैं। पंजाब में विज्ञापनों के माध्यम से मीडिया का मुंह बन्द करने का प्रयास हो रहा है, तो विरोधियों को पुलिसिया कार्रवाई से डराने का। पहले पंजाब के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करने को लेकर हुए खुलासे और अब राजनीतिक विरोधियों पर मामला दर्ज होने से लोगों में यह संदेश गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ‘दि हाफ सीएम’ ही हैं, सत्ता का सही अर्थों में संचालन तो दिल्ली से हो रहा है। यह इस सीमावर्ती राज्य के लिए ठीक नहीं है।
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