सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिजवान कासकर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को छह महीने में आरोप तय करने का निर्देश दिया है। इसके बाद रिजवान जमानत का प्रयास कर सकता है।
बिल्डर को धमकाने के मामले में 2019 में गिरफ्तार रिजवान पर मकोका के तहत केस दर्ज है। रिजवान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर का बेटा है। इकबाल कासकर पहले से ही पुलिस की हिरासत में है। रिजवान को मुंबई एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार किया गया था जब वह देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था।
हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन सम्बरे ने कहा था कि आरोपी पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एक्ट की जिन धाराओं के तहत केस दर्ज है, उनमें 10 साल से अधिक की सज़ा है। उसके खिलाफ संगठित अपराध में शामिल होने के प्रथमदृष्टया सबूत हैं। उसे जमानत नहीं दी जा सकती।
आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और बी वी नागरत्ना की बेंच ने रिज़वान के लिए पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत की दलीलें सुनीं। लेकिन जज उससे आश्वस्त नहीं हुए। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि निचली अदालत में आरोप तय होने के बाद वह फिर से जमानत याचिका दाखिल कर सकता है।
टिप्पणियाँ