जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है। दिल्ली पुलिस ने यूनुस और सलीम नाम के दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों पर तलवार बांटने का आरोप है। दोनों आरोपी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं और सीसीटीवी फुटेज में दोनों तलवार लहराते दिखे थे। यूनुस सलीम चिकना का भाई है। जहांगीरपुरी हिंसा मामले में मास्टरमाइंड अंसार समेत 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापा मारा जा रहा है।
जहांगीरपुरी हिंसा के तार बंगाल से भी जुड़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस पश्चिम बंगाल में आरोपी अंसार के रिश्तेदारों के भी घर गई थी। बंगाल से फरीद को पकड़ा गया था। उसके पास से कट्टा बरामद हुआ था।
पुलिस के मुताबिक यूनुस और सलीम को रविवार को जहांगीरपुरी से पकड़ा गया था। यूनुस पर कई मुकदमे दर्ज हैं। जांच में पता चला है कि हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा पर पथराव होते ही तलवार बांटी गई थी। सोची-समझी साजिश के तहत जहांगीरपुरी हिंसा को अंजाम दिया गया था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने ईडी से दंगे के पीछे के फाइनेंस एंगल की जांच करवाने पर जोर दिया है।
आरोपी अंसार खान के जांच के दौरान कई राज सामने आ रहे हैं। जांच में पता चला है कि अंसार ने हिंदू नाम राज मल्होत्रा से फेसबुक आइडी भी बना रखी है। इस आइडी में अंसार ने कई फोटो डाले हैं। कई तस्वीरों में वह सोने की मोटी चेन भी पहने नजर आ रहा है। यह भी बात मालूम चली है कि कबाड़ का काम करने वाले अंसार का पांच मंजिला मकान है और हर फ्लोर पर एसी लगा हुआ है।
1980 में पैदा हुआ अंसार कबाड़ी का काम करता है। पुलिस के मुताबिक अपराध से इसका पुराना नाता है। वो जेल की हवा भी खा चुका है। जहांगीरपुरी पुलिस की फाइल में दो बार इसके नाम दर्ज हुए हैं। फरवरी 2019 में अंसार को चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था। तब इसके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा लगाई गई थी। दूसरा मामला जुलाई 2018 का है। जब सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगे और मुकदमा दर्ज हुआ था। वह महज चौथी क्लास तक ही पढ़ा है। कोर्ट जाते वक्त अंसार ने पुष्पा का सिग्नेचर मूव भी करके दिखाया था।
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