गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी के खिलाफ एटीएस को कई ठोस सबूत मिले हैं। एटीएस ने दावा किया है कि मुर्तजा सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठन आईएसआईएस के सम्पर्क में था।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने शनिवार को बताया कि वर्ष 2014 में बेंगलुरु पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस आतंकी मेहदी मसरूर विश्वास भी अपने सोशल मीडिया के माध्यम से मुर्तजा सम्पर्क में था। अभियुक्त विभिन्न आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचार और आईएसआईएस से संबंधित विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जिहादी साहित्य, वीडियो, ऑडियो से प्रभावित था। उसने वर्ष 2013 में अंसार उल तौहिद के एक्टिविस्ट के तौर पर शपथ ली थी, जिसका 2014 में आईएसआईएस में विलय हो गया था। इसके बाद वह 2020 में आईएसआईएस से जुड़ गया था।
अभियुक्त ने अपने बैंक खातों के जरिए लगभग साढ़े आठ लाख रुपये यूरोप और अमेरिका के अलग-अलग देशों में आईएसआईएस संगठन के समर्थकों को आतंकी गतिविधियों के लिए भेजा था। मुर्तजा ने आतंकी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से इंटरनेट के जरिए विभिन्न हथियार जैसे एके-47, एमफोर कारबाईन, मिसाइल टेक्नोलॉजी आदि के वीडियो, लेख को देखा और पढ़ा है। उसने एयर राइफल से प्रैक्टिस भी की, जिससे असली हथियार मिलने पर वो असानी से चला सके। एटीएस ने यह भी खुलासा किया है कि अभियुक्त ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर बांके से हमला किया था। उसकी योजना बांके से हमला करने के बाद उनके हथियार छीनकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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