प्रवर्तन निदेशालय ने पशु तस्करी मामले में कार्रवाई करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त कमांडेंट सतीश कुमार को गिरफ्तार किया है। बता दें कि सतीश कुमार पर भारत-बांग्लादेश अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर पशु तस्करी में शामिल होने के आरोप हैं। गौरतलब है कि सतीश कुमार को कथित तौर पर आरोपी मोहम्मद इनामुल हक से उसकी पत्नी और उसके ससुर के खातों से रिश्वत के रूप में 12.8 करोड़ रुपये मिले थे। कथित तौर पर सतीश ने अचल संपत्ति और म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल किया था। इससे पहले इनामुल हक को ईडी ने 18 फरवरी, 2022 को गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
सीबीआई ने शुरू की थी जांच
पशु तस्करी मामले में सीबीआई ने साल, 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें मुख्य रूप से सतीश कुमार, मोहम्मद इनामुल हक, मोहम्मद अनारुल एसके, मोहम्मद गोलम मुस्तफा, बीएसएफ और भारतीय सीमा शुल्क के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद ही प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
तस्करों की करता था मदद
जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार बीएसएफ की 36 बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी को अंजाम देने में आरोपियों की मदद करता था। बता दें कि सतीश मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में बीएसएफ इकाइयों की कमान संभाल चुके हैं। उन्हें इसी मामले में पहले सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था। ईडी के मुताबिक, कुमार को पिछले सप्ताह हफ्ते मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद 23 अप्रैल को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
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