असम स्थित तिनसुकिया जिले का यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष जनार्दन गोगोई प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) में शामिल हो गया है। उसने राजनीति छोड़कर उग्रवादी बनने का फैसला किया है। खबरों के अनुसार उसने यह जानकारी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। गोगोई ने अपनी पत्नी के नाम लिखी एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि वह म्यांमार स्थित संगठन के ठिकाने में ULFA में शामिल हो गया है। सादिया शहर के 44 वर्षीय नेता ने पत्नी रीमा के लिए फेसबुक पर लिखा, ‘अपने खुद के लोगों को तबाह होते देखने का इंतजार नहीं कर सकता, क्योंकि वे अपने ही राज्य में असहाय हैं…हमारी संस्कृति, हमारी भाषा और पहचान को व्यवस्थित तरीके से मिटाया जा रहा है।
युवाओं के विद्रोही बनने की आशंका
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कुछ दिन पहले कहा था कि हाल ही में 47 ‘लड़के और लड़कियां’ ULFA(I) में शामिल हो गए हैं। लेकिन कई शीर्ष लोगों ने संगठन छोड़ दिया है। उन्होंने समय-समय पर युवाओं को प्रतिबंधित संगठन में शामिल नहीं होने के लिए कहा है। डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने आशंका जताई है कि कई गायब युवा ULFA-I विद्रोही बन गए हैं।
गौरतलब है कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) असम का एक उग्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना 1979 में हुई थी। 1990 में भारत सरकार ने इसे बैन कर दिया था। बाद में नेताओं के बीच मतभेद से उल्फा का विभाजन हो गया। ULFA(I) का नेतृत्व फिलहाल अभिजीत बर्मन के हाथ में है।
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