बिजनौर जिले में बनने वाला गुड़ अब खाड़ी के अरब देशों में निर्यात होने लगा है। अभी तक करीब 300 मीट्रिक टन गुड़ का आर्डर मिल चुका है और इसका निर्यात भी शुरू हो गया है।
खाड़ी के देश भी चीनी से होने वाले नुकसान को समझने लगे है औरउनमें गुड़ की मिठास लोकप्रिय होने लगी है। खाड़ी के अरब देशों ने बिजनौर से गुड़ मंगवाना शुरू किया है।
जिलाधिकारी कार्यालय में हुई एक बैठक में गुड़ के निर्यात को लेकर चर्चा हुई, एक जिला एक उत्पाद की राज्यसरकार की योजना के तहत बिजनौर के गुड़ की मार्केटिंग की समीक्षा में ये बात सामने आई है कि खाड़ी देशों से 300 मीट्रिक टन गुड़ का निर्यात होना है और इसमे से ज्यादातर कंटेनर भेजे भी जा चुके है।
हिंदुस्तान एग्रो लिमिटेड संस्थान ने जानकारी दी है कि 200 मीट्रिक टन का निर्यात उन्होंने किया है। संस्थान ने ये भी बताया कि हम शुद्ध सरसों के तेल और आम के निर्यात का आर्डर भी पूरा कर रहे है।
सीडीओ केपी सिंह ने बैठक में बताया कि निर्यातकों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला कृषि अधिकारी डॉ अवधेश मिश्रा को स्थानीय कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए प्रोत्साहन किसानों और लघु उद्योगों के साथ संपर्क करने के लिए अधिकृत किया गया है।
जानकारी के अनुसार गुड़ और सरसों के तेल के निर्यात शुरू हो जाने के बाद से बहुत से स्थानीय उद्योगपतियो और कारोबारियों ने आयात निर्यात लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। माना जारहा है कि सरकार की नीति को समझने के बाद बहुत से कारोबारियों ने खाड़ी के देशों की यात्रा कर वहां के बाज़ार की जरूरतों को समझा है।
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