झारखंड में अब कोई भी हिंदू अपना त्यौहार शांति से नहीं मना पा रहा है। फिर वह चाहे सरस्वती पूजा हो या फिर रामनवमी का त्यौहार, कट्टरपंथी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं से भी अगर जुलूस निकलती है या फिर मेला लगा होता है वहीं पर कट्टरपंथी मुसलमान अपनी जिहादी हरकतें दिखाने की कोशिश जरूर करते हैं। लोगों का कहना है कि इसके पीछे उनकी मंशा यही है कि किसी भी तरह से हिन्दू अपने त्योहारों में घर से ना निकलें।
ताजा मामला झारखंड के लोहरदगा और बोकारो जिले का है। लोहरदगा के सदर थाना क्षेत्र के हिरही गांव में 10 अप्रैल की रात रामनवमी के शोभा यात्रा पर कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने पथराव कर दिया जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी जो अब तक शांत होने का नाम नहीं ले रही है। इसी तरह बोकारो के बेरमो इलाके में रामनवमी पर निकले जुलूस पर पत्थर फेंके गए। इसी के बाद दोनों जगहों पर हंगामा शुरू हो गया।
सिर्फ लोहरदगा की बात करें तो यहाँ पर 10 अप्रैल की रात सदर थाना क्षेत्र के हिरही गांव से भोक्ता बगीचा तक पहले से तय किया रास्ते पर जुलूस निकाला जा रहा था। एक स्थानीय ने बताया कि जुलूस में लगभग 10 से 12 गांव के लोग शामिल थे। इनमें बच्चे और महिलाएं भी थी। जैसे ही जुलूस एक मुसलमान बहुल इलाके के कब्रिस्तान के पास पहुंचा तो वहां 300 से अधिक की संख्या में मौजूद कट्टरपंथियों ने जुलूस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। ऐसी स्थिति में सभी हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले औरतों और बच्चों को बचाने की कोशिश करते रहे। इसके बाद भी कट्टरपंथियों ने पत्थर बरसाना बंद नहीं किया। इसके बाद भी इन कट्टरपंथियों का मन नहीं भरा तो भोक्ता बगीचा में रामनवमी मेले में पहुंचकर वहां भी पथराव और आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया। यहां पर इन लोगों ने दस मोटरसाइकिल, तीन ठेला, एक ऑटो, चार साइकिल और मेले में लगी कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में कई हिंदू परिवारों के लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं इस घटना में यह भी देखने को मिला कि कुछ कट्टरपंथियों ने रांची से दिल्ली की ओर जा रही राजधानी ट्रेन के ऊपर भी पथराव किया है। इस पथराव में राजधानी ट्रेन का शीशा भी कई जगह पर टूट चुका है। हालांकि इसमें कितने लोग जख्मी हुए हैं की जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है।
केंद्रीय महावीर मंडल, लोहरदगा के अध्यक्ष रोहित कुमार ने बताया कि इस तरह की घटना घटने से पूरा का पूरा त्यौहार ही नीरस हो जाता है। पहले भी इस तरह की घटना घट चुकी है। इसलिए जुलूस निकाले जाने से पहले प्रशासन को सारी जानकारी दे दी गई थी। प्रशासन ने भी जुलूस निकालने वालों को आश्वासन दिया गया था कि सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। लेकिन जिस तरह से कट्टरपंथी मुसलमानों ने जुलूस और मेले में पथराव किया है, इससे तो साफ पता चलता है कि प्रशासन इन घटनाओं पर पूरी तरह से लापरवाह रही है। और तो और इस घटना के बाद जहां इन कट्टरपंथी मुसलमानों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी वहां पर सुनने में आया है कि 5 हिंदुओं को ही गिरफ्तार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार लोहरदगा प्रशासन को रामनवमी पर स्थिति बिगड़ने की पूरी आशंका थी। एक डीआईजी, दो एसपी, कई डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी और करीब एक हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल लोहरदगा जिले में तैनात भी थे। जहां घटना घटी है, वह पहले से संवेदनशील जगह है, बावजूद इतनी बड़ी घटना की आशंका को नजरअंदाज किया गया है।
हालांकि इस घटना के बाद प्रशासन की ओर से अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार के धार्मिक सभा, धार्मिक अनुष्ठान को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दिया गया है।
बोकारो जिले में कट्टरपंथियों ने जुलूस पर किया हमला
वहीं दूसरी ओर बोकारो जिले के बेरमो इलाके में फुसरो के राजाबेड़ा स्थित गंजू मोहल्ला में बाइक जुलूस निकाला गया था । यहां भी जैसे ही जुलुस मुस्लिम मोहल्ले के पास पंहुचा तो पहले तो कट्टरपंथियों ने जुलुस को रोकने की कोशिश की। जैसे ही जुलुस निकालने वालों ने विरोध किया तो कट्टरपंथी मुसलमानों ने जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सहित एसडीओ, डीएसपी मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराने में जुटे गए। साथ ही पुलिस ने भी बाइक जुलूस को वहीं रोक दिया।
बोकारो के भाजपा विधायक बिरंचि नारायण के अनुसार जब से झारखंड में गठबंधन की हेमंत सरकार आई है तभी से तुष्टिकरण की राजनीती को बढ़ावा मिला है। इस सरकार ने कट्टरपंथियों के मनोबल को ही बढाने का काम किया जा रहा है। हिंदुओं को उनके त्यौहार मनाने को लेकर भी कई बंदिशें लगाई जा रही हैं। पूरा का पूरा प्रशासन भी सरकार के ही नक्शे कदम पर चल रहा है और हर घटना में हिंदुओं को ही निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। उदाहरण के तौर पर खूंटी में भी देख सकते हैं कि पथराव कट्टरपंथियों ने शुरू किया और पुलिस ने सैकड़ों हिन्दुओं पर ही मामला दर्ज कर दिया था।
झारखंड में वोट बैंक और तुष्टिकरण की नीति का खामियाजा वहां का बहुसंख्यक समाज भुगत रहा है। https://t.co/WeuaCbSnmV
— Raghubar Das (@dasraghubar) April 13, 2022
दगा में 10 अप्रैल को घटी सांप्रदायिक हिंसा के बाद 12 अप्रैल को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास घटनास्थल का मुआयना करने जा रहे थे लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। बावजूद इसके रघुवर दास ने लोहरदगा के लोगों से वीडियो कॉल पर बातचीत कर कहा कि उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। रघुवर दास के अनुसार झारखंड की वर्तमान सरकार सांप्रदायिक ताकतों को संरक्षण देने का काम कर रही है। लोहरदगा की घटना में प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में दिखाई दे रही है।
लोहरदगा में साम्प्रदायिक तनाव के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री @dasraghubar को घटना स्थल पर जाने से प्रशासन ने रोका।
लोहरदगा के लोगों से फोन पर ही बातचीत की, कहा सत्य की 'लड़ाई के लिए अन्याय के खिलाफ होना पड़ता है'
प्रशासन से कहा एकतरफा कार्रवाई ना हो।@epanchjanya pic.twitter.com/Ere2Q0D46r
— Ritesh Kashyap (@meriteshkashyap) April 12, 2022
इसके जवाब में झारखंड सरकार के मंत्री और लोहरदगा के विधायक डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऑल खराब करने के लिए धर्म के नाम पर गड़बड़ी की जा रही है। के साथ ही कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को लोहरदगा के क्षेत्र में घूमने की छूट प्रशासन की ओर से नहीं दी जाएगी।
झारखंड के कई जगहों पर कट्टरपंथियों का बोलबाला
आपको पता होगा पिछले दिनों खूंटी में मंगला जुलूस निकाली जा रही थी। यहाँ भी जुलूस जब मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरा तो कई कट्टरपंथी लोगों के घरों के ऊपर से पत्थर बरसाने शुरू कर दिए थे। इस मामले में राज्य सरकार की पुलिस को कट्टरपंथियों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन हिंदुओं पर ही कार्रवाई करके उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से अपने त्यौहार मनाने पर पाबंदी लगाने का काम किया गया।
दूसरी और रांची के काके क्षेत्र में 11 अप्रैल को ऐसी ही घटना देखने को मिली। यहां पर शोभा यात्रा जब कट्टरपंथियों के इलाके से निकल रहा था तब कट्टरपंथियों ने शोभा यात्रा को रोकने की कोशिश की थी।
वर्तमान की ऐसी स्थिति हो गई है कि झारखंड में कोई भी हिंदू अपना त्यौहार शांति से नहीं मना पा रहा है। कई हिंदुओं ने तो यह भी कहा कि झारखंड में किसी भी तरह के मेले के अंदर हिंदू परिवार अब जाने से डरने लगे हैं। उन्हें ऐसा लगने लगा है कि कहीं कट्टरपंथियों द्वारा हमला ना हो जाए।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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