मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर ट्वीट करना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भारी पड़ गया। मामले की शिकायत के बाद राजधानी भोपाल के क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने दिग्विजय के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक फोटो ट्वीट किया था, जिसमें एक युवक को मस्जिद पर भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया था। दिग्विजय सिंह ने उस फोटो को खरगोन का बताया था, जबकि यह फोटो बिहार का था। इस ट्वीट पर कमेंट से माहौल सांप्रदायिक रंग लेने लगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि दिग्विजय सिंह उन्माद भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जिस फोटो का उपयोग किया है वह मध्यप्रदेश का नहीं है। इसके बाद दिग्विजय ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इस मामले को लेकर मंगलवार दोपहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भोपाल में क्राइम ब्रांच पहुंचकर दिग्विजय के खिलाफ शिकायत की थी।
पुलिस ने भोपाल के एमपी नगर स्थित चित्तौड़ कांप्लेक्स निवासी प्रकाश मांडे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया। प्रकाश ने क्राइम ब्रांच को आवेदन देते हुए बताया कि दिग्विजय सिंह ने फेब्रिकेटेड फोटो ट्वीट कर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश कर प्रदेश में अस्थिरता लाने की कोशिश की। प्रकाश प्राइवेट जॉब करते हैं। दिग्विजय के खिलाफ कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की करीब तीन साल पुरानी पोस्ट दिखाकर कहा कि इस पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। दिग्विजय ने पुलिस कमिश्नर भोपाल और श्यामला हिल्स थाने को इस संबंध में पत्र भी भेजा है। उनका कहना है कि कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती, अपराध सामान्य नागरिक करे या मुख्यमंत्री, मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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