ब्रिटेन की सरकार के उपक्रम ब्रिटिश टेलीकॉम रेगुलेटर ऑफकॉम ने खालिस्तान का खुलकर समर्थन करने वाले टेलीविजन चैनल खालसा टेलीविजन लिमिटेड या केटीवी को बंद करने के अदेश देते हुए इसे दिया लाइसेंस रद्द कर दिया है। विस्तृत जांच में इस खालिस्तानी चैनल को वहां के प्रसारण नियमों का उल्लंघन करते पााया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ये चैनल हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात करता था, इसके एंकर खुलेआम लोगों को भड़काते थे। इसी चैनल पर पिछले साल 50 हजार पाउंड का जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन ये फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ऑफकॉम ने जांच में देखा कि केटीवी पर 95 मिनट के लाइव प्रोग्राम ‘प्राइम टाइम’ में हिंसा के लिए भड़काया जा रहा था। प्रोग्राम के बीच कार्यक्रम के एंकर ने भड़काऊ बातें बोली थीं। उसने खालिस्तान के लिए हत्या सहित किसी भी तरह की हिंसा को जायज ठहराया था। यह टेलीविजन चैनल यूनाइटेड किंगडम में सिख समुदाय के अलगाववादी तत्वों द्वारा चलाया जाता है।
ऑफकॉम का आदेश कहता है कि यह चैनल अपराध और अव्यवस्था को बढ़ावा देता है और यह नियमों के विरुद्ध है। आदेश में यह भी कहा है कि इस उल्लंघन की गंभीरता को देखते हुए और हमारे निलंबन के नोटिस में तय किए कारणों के तहत हम आज खालसा टेलीविजन लिमिटेड के यूके में प्रसारण के लाइसेंस को फौरन रद्द कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस चैनल को ऑफकॉम की इस कार्रवाई पर यदि कोई आपत्ति हो तो वह 21 दिन के अंदर अपील कर सकता है।
इस चैनल पर अक्सर भारतीयों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई की अपील की जाती है, खालिस्तानी व अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने वाले हिंसक कामों की शान में कसीदे काढ़े जाते हैं। शो में हिंसक और आतंकवादी संगठनों को जायज ठहराया जाता है। दिल्ली के लाल किले को आग की लपटों में जलते दिखाया गया। ऑफकॉम ने ऐसे कार्यक्रमों को ‘भारत के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की वकालत करने वाला’ माना था और यह बात जायज भी है।
दरअसल यह खालिस्तानी चैनल भारत में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए बदनाम रहा है। फरवरी 2021 में ऑफकॉम ने खालिस्तान समर्थक खालसा टेलीविजन केटीवी पर एक कार्यक्रम के दौरान चर्चा में नफरत फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने के जुर्म में 50,000 पाउंड का जुर्माना लगाया था। कार्यक्रम के दौरान ची रही बहस में आतंक का उल्लेख करते हुए ब्रिटिश सिखों को हिंसा के लिए उकसाया गया था। उस दौरान ब्रिटिश मीडिया नियामक ऑफकॉम ने केटीवी को चेतावनी दी थी कि वह इस तरह की भड़काऊ चीजें दिखाकर नियमों का उल्लंघन ना करे।
इस चैनल पर अक्सर भारतीयों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई की अपील की जाती है, खालिस्तानी व अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने वाले हिंसक कामों की शान में कसीदे काढ़े जाते हैं। शो में हिंसक और आतंकवादी संगठनों को जायज ठहराया जाता है। दिल्ली के लाल किले को आग की लपटों में जलते दिखाया गया। ऑफकॉम ने ऐसे कार्यक्रमों को ‘भारत के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की वकालत करने वाला’ माना था और यह बात जायज भी है।
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