केजरीवाल का कश्मीरी पंडितों को नौकरी देने का दावा झूठा, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही फजीहत
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केजरीवाल का कश्मीरी पंडितों को नौकरी देने का दावा झूठा, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही फजीहत

by WEB DESK
Mar 30, 2022, 04:19 am IST
in भारत, दिल्ली
अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल

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दिल्ली सीएम केजरीवाल द्वारा कश्मीर के प्रवासी शिक्षकों की सेवा नियमित करने के दावे को कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने गुमराह करने वाला बताया है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर केजरीवाल की जमकर फजीहत हो रही है।

 

प्रवासी शिक्षक संघ (Kashmiri Migrant Teachers Association)’ द्वारा ट्विटर पर जारी प्रेस विज्ञप्ति ने केजरीवाल के सफ़ेद झूठ को उजागर किया है. इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ के मुताबिक कोर्ट के आदेशों के अनुसार उन्हें नियमित किया गया जबकि अरविंद केजरीवाल इसके खिलाफ थे और कोर्ट में इसको रोकने के लिए कई बार बाधा डालने की कोशिश भी की थी। 

इस विज्ञप्ति में चरणबद्ध तरीके से बताया कि कश्मीरी प्रवासी अध्यापकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर 6 जून 2010 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, 18 मई 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने कश्मीरी शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया था।

इसके बाद हाईकोर्ट के नियमित करने के फैसले को दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी, वहीं 21 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को कश्मीरी पंडितों की सेवाएं नियमित करने का आदेश दे दिया।

एसोसिएशन ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार आश्वासन दिया, बावजूद इसके दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी। फिर 26 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका खारिज की।

आखिर में दिल्ली सरकार के पास जब कोई विकल्प नहीं बचा तब जाकर 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गईं।

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने किया ट्वीट-

केजरीवाल के झूठ के उजागर होने के बाद द कश्मीर फाइल्स फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर पर व्यक्त करते हुए कहा- “हे भगवान। यह बहुत शर्म की बात है कि कश्मीरी हिंदू शिक्षकों को एक चुने हुए प्रतिनिधि के सफेद झूठ को उजागर करने के लिए इस तरह से सामने आना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झूठ बोलने पर कानून में क्या सजा है?”

OMG. It’s such a shame that Kashmiri Hindu teachers have to come out and call out the white lies of an elected representative. What is the punishment in law for lying on SC judgement? https://t.co/jVX4THYK28

— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 28, 2022

कपिल मिश्रा ने साधा निशाना

वहीं इस पूरे मामले पर दिल्ली बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा- “केजरीवाल ने नविका के सामने खुलेआम झूठ बोला कश्मीरी पंडितों के बारे में। नविका ने सफेद झूठ देश को दिखाया। कोई सवाल नहीं पूछा। सच ये हैं कि केजरीवाल सरकार कश्मीरी पंडितों के खिलाफ तीन बार कोर्ट गई, तीनों बार हारी। ये वो सच है जो बिका हुआ मीडिया कभी नहीं दिखाएगा।”

केजरीवाल ने नाविका के सामने खुलेआम झूठ बोला कश्मीरी पंडितों के बारे में

नाविका ने सफेद झूठ देश को दिखाया , कोई सवाल नहीं पूछा

सच ये हैं कि केजरीवाल सरकार कश्मीरी पंडितों के खिलाफ तीन बार कोर्ट गई, तीनों बार हारीं

ये वो सच है जो बिका हुआ मीडिया कभी नहीं दिखायेगा pic.twitter.com/5OlOqdPQ8k

— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 28, 2022

क्या था पूरा मामला

कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि कश्मीरी पंडित बेघर होकर जब दिल्ली पहुंचे तो उनमें से कई लोगों ने 1993 में दिल्ली सरकार में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर टीचर की नौकरी की थी। इस बीच अलग अलग सरकारें रहीं लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ढिंढोरा न पीटते हुए कश्मीरी पंडितों को पक्की नौकरी दी।

इसके अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने भी दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत कुछ किया है, दस्तावेज के अभाव में भी 223 शिक्षकों को स्थायी दर्जा, पेंशन प्रणाली को सुव्यवस्थित किया था।

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