भारतीय जन संचार संस्थान, अयोध्या शोध संस्थान और भोजपुरी संगम की ओर से 'प्रवासी देशों में राम' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसके शुभारंभ में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि भगवान राम के व्यक्तित्व की विशेषता यह है कि वह प्रत्येक युग के महानायक हैं। रामकथा की लोकप्रियता देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में है। साथ ही उन्होंने प्रभु श्री राम को भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि बताया।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि दुनिया ने पिछले 100 वर्षों में विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है, जबकि भारत ने करीब 5 हजार साल पहले ही यह काम शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि यहां की संस्कृति जाति, भाषा, समुदाय के आधार पर मानव को नहीं देखती है, बल्कि मनुष्य के अंदर दिव्यता के आधार पर उसे स्थान दिया जाता है। हमारी संस्कृति की बुनियादी जड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत का पूरा दर्शन राम हैं।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि विश्व के इतिहासकार मानते हैं कि विश्व की पांच सभ्यताएं सबसे पुरानी हैं। इनमें ईरानी सभ्यता वैभव के लिए, रोम सुदंरता, चीन कौशल और कानून के प्रति सम्मान और तुर्की की सभ्यता बहादुरी के लिए जानी जाती है। वहीं, इन सबसे अलग भारत की सभ्यता ज्ञान और प्रज्ञा के लिए जानी जाती है। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि प्रभु श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेकर आज धार्मिक समाज बनाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, मॉरीशस गणराज्य की चेयरमैन डॉ. सरिता बुद्धू, डॉ. प्रदीप दीक्षित, डॉ. लवकुश द्विवेदी, अजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
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