आचरण, व्यवहार और रहन-सहन में हिंदुत्व का भाव साफ दिखना चाहिए : मोहन भागवत
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आचरण, व्यवहार और रहन-सहन में हिंदुत्व का भाव साफ दिखना चाहिए : मोहन भागवत

by WEB DESK
Mar 28, 2022, 12:15 am IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
श्री मोहन भागवत, संघ प्रमुख

श्री मोहन भागवत, संघ प्रमुख

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि संघ पर दो बार प्रतिबंध लगा, मगर कोई भी अपने ध्येय पथ से डिगा नहीं। परिवार की ताकत की वजह से जेल जाने के बाद भी किसी ने माफी नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि विजय और यश हमारा एक पड़ाव हो सकता है, मगर लक्ष्य नहीं है। विजय और यश में खोने की बजाय उसे साधन बनाकर अच्छा समाज बनाएं।

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री डॉ मोहन भागवत ने कहा कि हमारा आचरण, व्यवहार और रहन-सहन में हिंदुत्व का भाव साफ दिखना चाहिए। अनुकूलता का नियम हमारे समाज में नहीं है, हमारा सिद्धांत सर्वे भवंतु सुखिन: वाला होना चाहिए। डॉ भागवत पांच दिवसीय काशी प्रवास के अन्तिम दिन रविवार शाम बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में कुटुंब प्रबोधन के स्नेह मिलन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का भारत बनाना है, उसका उदाहरण बनना पड़ेगा। समाज में परिवर्तन आत्मीयता और सेवा से ही आता है। समूह में तो पशु पक्षी भी रहते हैं, किन्तु सबको जोड़ने वाला, सबकी उन्नति करने वाला धर्म कुटुम्ब प्रबोधन है। यह परिवार में संतुलन मर्यादा तथा स्वाभाव को ध्यान में रखकर कर्तव्य का निरूपण करने वाला आनन्दमय सनातन धर्म है। हमारे यहां कुटुम्ब प्रबोधन में ही समानता और बंधुता का भाव निहित है। 

सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ पर दो बार प्रतिबंध लगा, मगर कोई भी अपने ध्येय पथ से डिगा नहीं। परिवार की ताकत की वजह से जेल जाने के बाद भी किसी ने माफी नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि विजय और यश हमारा एक पड़ाव हो सकता है, मगर लक्ष्य नहीं है। विजय और यश में खोने की बजाय उसे साधन बनाकर अच्छा समाज बनाएं। नाम और प्रभाव वाले बहुत लोग आते हैं, मगर इससे परिवर्तन कितना हुआ और शांति के साथ देश आगे चले यह देखना होगा।

डॉ भागवत ने जूलियर सीजर का उदाहरण देते हुए कहा कि वह बहुत पराक्रमी था, वह जीतता गया पर आचरण की मर्यादा न होने से संभव है कि कुछ वर्षों बाद उसे भुला दिया जाए। परन्तु लाखों वर्ष पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने आचरण के आधार पर जो मापदंड स्थापित किया, वह आज भी हमारे जीवन का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सूर्य का उदहारण देते हुए कहा कि रात में अनगिनत तारे होते हैं पर दिन में केवल अकेला सूर्य होता है, मगर वह प्रकाश ज्यादा देता है। अर्थात् जो निकटतम है और स्वयं प्रकाशित है वही प्रकाश दे सकता है। व्यक्ति की समाज से निकटता और स्वतः प्रकाशित आचरण समाज के लिए आवश्यक है। आचरण धर्म की मूर्ति है। यही कारण है कि भरत की तरह भाई और हनुमान की तरह स्वयंसेवक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की पहचान कुटुम्ब से होती है। जैसा समाज चाहिए वैसा कुटुम्ब होना चाहिए। कुटुम्ब में ही मनुष्य को आचरण सिखाया जाता है। पारिवारिक संस्कार आर्थिक इकाई को भी बल देता है।

पारिवारिक संस्कार का जिक्र कर सरसंघचालक ने कहा कि जब पांडव कुंती के पास आशीर्वाद लेने गये तो कुंती ने कहा कि या तो विजयी हो या वीरगति को प्राप्त हो। परिवार में प्रत्येक सदस्य की अपनी भूमिका है और कुटुम्ब चलाने में अपनी भूमिका का निर्वहन भली प्रकार से करें। सभी व्यक्ति केवल अपने परिवारों के लिए ही न जिये बल्कि समाज के लिए भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अकेले कार्य नहीं करता उसका कुटुम्ब काम करता है। इसी तरह कुटुम्ब भी अकेले नहीं जीता बल्कि कई कुटुम्बों का सह अस्तित्व होता है। योग्यतम की उत्तरजीविता को हम नहीं मानते। हमारी परम्परा कहती है कि जो बलवान वो सबका पोषण करेगा। सप्ताह में किसी एक दिन पूरे परिवार के साथ भजन इत्यादि करके घर का बना भोजन ग्रहण करना और उसके बाद दो-तीन घंटे तक गपशप करना, इसमें अपनी वंश परम्परा कुलरीति का सुसंगत विचार और तर्कसंगत परम्पराएं कैसे आगे बढ़ें इस पर बातचीत करनी चाहिए।

मणिपुर का जिक्र कर संघ प्रमुख ने कहा कि मणिपुरी समाज के लोग उत्सव इत्यादि में मणिपुरी वेशभूषा ही पहनते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी भाषा, वेशभूषा, भवनसज्जा, यात्रा, भोजन इन सब पर चर्चा होनी चाहिए। उदहारण स्वरूप अपनी मातृभाषा न जानने पर रामचरित मानस हमसे पराया हो जाएगा।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड) 

Share3TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत के स्वदेशी हथियार

ऑपरेशन सिंदूर में गरजा स्वदेशी पराक्रम, दुनिया ने देखा आत्मनिर्भर भारत का दम!

दिल्ली आबकारी घोटाला : AAP नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में पेश हुए

तुर्किये को एक और झटका : JNU ने तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ MOU किया निलंबित

मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेते जस्टिस बीआर गवई

देश के 52वें चीफ जस्टिस बने भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

‘जहां कभी था लाल आतंक, वहां लहरा रहा तिरंगा’ : 21 दिनों में 31 कुख्यात नक्सली ढेर, अमित शाह ने दी जवानों को बधाई

‘ऑपरेशन केलर’ में बड़ी सफलता : शोपियां में मारे गए आतंकियों से युद्ध का सामान बरामद, तबाही की तैयारी करे बैठे थे आतंकी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भारत के स्वदेशी हथियार

ऑपरेशन सिंदूर में गरजा स्वदेशी पराक्रम, दुनिया ने देखा आत्मनिर्भर भारत का दम!

दिल्ली आबकारी घोटाला : AAP नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में पेश हुए

तुर्किये को एक और झटका : JNU ने तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ MOU किया निलंबित

मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेते जस्टिस बीआर गवई

देश के 52वें चीफ जस्टिस बने भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

‘जहां कभी था लाल आतंक, वहां लहरा रहा तिरंगा’ : 21 दिनों में 31 कुख्यात नक्सली ढेर, अमित शाह ने दी जवानों को बधाई

‘ऑपरेशन केलर’ में बड़ी सफलता : शोपियां में मारे गए आतंकियों से युद्ध का सामान बरामद, तबाही की तैयारी करे बैठे थे आतंकी

जेवर में बनेगा देश का छठा सेमीकंडक्टर प्लांट : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए कई बड़े फैसले

ये लोग कब्जा कर देशभर में फैल रहे : त्रिपुरा में ‘ऑपरेशन डिटेक्ट एंड डिपोर्ट’ चलाने की उठी मांग

कशिश चौधरी

कशिश चौधरी बनी Baluchistan की पहली हिंदू सहायक आयुक्त, Pakistan में हो रहे चर्चे

प्रतीकात्मक तस्वीर

“सतर्क रहें, इस वीडियो के झांसे में न आएं”

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies