पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के दस दिन के अंदर ही एक स्कूल को नीलाम करने के लिए विज्ञापन निकाला गया है। यह स्कूल रोपड़ के थर्मल कॉलोनी में है, जिसका संचालन पावरकॉम करती आई है। लेकिन अब स्कूल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। विज्ञापन पर अकाली दल ने कड़ा ऐतराज जताया है। विज्ञापन में बताया गया कि पावरकॉम का यह स्कूल स्कूल काफी अच्छी स्थिति में है।
कालोनीवासियों का कहना है कि स्कूल को नीलाम नहीं किया जाना चाहिए। इसे दोबारा से शुरू किया जाना चाहिए। दूसरी ओर अकाली दल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अकाली नेता दलजीत चीमा ने स्कूल के भवन की फोटो व नीलामी के विज्ञापन को ट्वीट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान व दिल्ली के अरविंद केजरीवाल से सवाल किया है कि क्या यह दिल्ली मॉडल है? उन्होंने इसे पंजाब व पंजाबियत के साथ धोखा भी करार दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल को नीलाम करने की नौबत क्यों आई? स्कूल को नीलाम नहीं किया जाना चाहिए,इसे तो चलाया जाना चाहिए। इस स्कूल की बिल्डिंग अच्छी हालत में हैं। शिक्षकों की नियुक्ति कर स्कूल को नियमित किया जाना चाहिए।
शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शर्मा ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है। क्या पंजाब की भगवंत मान सरकार एक स्कूल भी नहीं चला पा रही है। कम से कम इस तरह से स्कूल को नीलाम करना किसी भी मायने में सही नहीं है। उन्होंने कहा कि स्कूल नीलामी का विज्ञापन देख कर उन्हें दुख हुआ है। इस काम को तुरंत ही रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में बार-बार यह दावा करती रही कि दिल्ली की तर्ज पर बच्चों को सस्ती शिक्षा दी जाएगी। दावा तो यहां तक किया जाता रहा कि निजी स्कूलों में भी फीस कम होगी। लेकिन हो इसके विपरीत रहा है। यहां तो स्कूलों के भवन को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है। अभी तो मान की सरकार को बने एक पखवाड़ भी नहीं हुआ और पंजाब के स्कूलों की नीलामी के विज्ञापन निकलने लगे हैं। राज्य सरकार को स्कूल की नीलामी तत्काल रोकनी चाहिए। यह किसी भी मायने में सही कदम नहीं है। यदि किसी भी कारण से पावरकॉम स्कूल को संचालित नहीं कर पा रही है तो इसका यह मतलब नहीं कि स्कूल को नीलाम कर दिया जाए। इसे चलाने का दूसरा विकल्प भी खोजा जाना चाहिए।
स्कूलों के भवन को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है। अभी तो मान की सरकार को बने एक पखवाड़ भी नहीं हुआ और पंजाब के स्कूलों की नीलामी के विज्ञापन निकलने लगे हैं। राज्य सरकार को स्कूल की नीलामी तत्काल रोकनी चाहिए। यह किसी भी मायने में सही कदम नहीं है। यदि किसी भी कारण से पावरकॉम स्कूल को संचालित नहीं कर पा रही है तो इसका यह मतलब नहीं कि स्कूल को नीलाम कर दिया जाए। इसे चलाने का दूसरा विकल्प भी खोजा जाना चाहिए। |
इसके साथ ही, सतीश शर्मा ने सरकार को सुझाव दिया कि एक नीति बनाकर इस तरह के संस्थागत स्कूलों को चलाने के लिए उचित कदम उठाए जाए। यदि कोई भी स्कूल किसी कारण से बंद है, तो देखा जाए कि क्यों बंद है और स्कूल को कैसे चलाया जा सकता है। रोपड़ में कालोनीवासियों ने बताया कि वह तो सोच रहे थे कि आआपा सरकार आने के बाद यह स्कूल दोबारा से शुरू होगा। लेकिन आज यह विज्ञापन देख कर उन्हें दुख हो रहा है। स्कूल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है। कालोनीवासियों की मांग है कि भगवंत मान सरकार इस स्कूल की ओर ध्यान दे। सरकार खुद इस स्कूल का संचालन करे। स्कूल की यहां बहुत जरूरत है। यूं भी आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा दी जा रही है। अब क्योंकि पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है, इसलिए यहां भी सरकार को चाहिए कि वह सरकारी स्कूलों को शिक्षा का मॉडल बनाए। कालोनीवासियों ने चेतावनी दी कि वह इस स्कूल को नीलाम नहीं होने देंगे। इसके लिए यदि उन्हें आंदोलन चलाना पड़ा तो वह इससे भी पीछे नहीं हटेंगे।
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