केन्द्रीय वक्फ परिषद के सदस्य रईस खान पठान (@PathanRaisKhan) के टवीटर हैंडल से जब आप गुजरेंगे तो वहां कई खुलासे हैं, वहां रईस दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए लिखते हैं कि वे सिर्फ एक मुखौटा है। दिल्ली को अमानतुल्लाह खान चला रहा है। वही दिल्ली का असली मुख्यमंत्री है। अपने सूत्रों का हवाला देकर वक्फ परिषद के सदस्य रईस आगे लिखते हैं, मुख्यमंत्री केजरीवाल, अमानतुल्लाह को हर महीने रिपोर्ट करते हैं।
विधानसभा में गिरिजा टिक्कू, प्रभावती, टीका लाल टपलू, शीला कौल, नीलकंठ गंजू की नृशंस हत्या पर ठहाके लगाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल चर्चा में आ गए हैं। हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है। हाल में पंजाब ने उनके ऊपर विश्वास किया। उन्हें बहुमत से गद्दी से सौंपी है। जिन परिवारों में हुए नरसंहार पर केजरीवाल विधानसभा में हंस रहे थे, वह सभी परिवार भी पंजाबी बोलने समझने वाले परिवार थे। जम्मू—कश्मीर की वादियों में एक छोटा सा पंजाब बसता है। क्या पीड़ित परिवारों पर हंस कर इस तरह वे अपनी श्रद्धांजली दे रहे हैं? क्या पंजाब और दिल्ली के लोगों को यह स्वीकार होगा?
अरविंद केजरीवाल से विपक्ष ने क्या मांग की थी? यही कहा था ना कि फिल्म कश्मीर फाइल्स को करमुक्त किया जाना चाहिए। कई राज्यों में पहले से फिल्म करमुक्त है। दिल्ली में करने में क्या असहमति हो सकती है, जबकि पहले दिल्ली सरकार दिसंबर 2021 में फिल्म '83' को करमुक्त कर चुकी है। रणवीर सिंह की फिल्म 83 क्रिकेट विश्वकप में भारत की जीत पर बनी थी। अक्टूबर 2019 में तापसी पन्नू की फिल्म 'सांड की आंख' को दिल्ली सरकार ने टैक्स फ्री किया था। 2016 में आम आदमी पार्टी के पक्ष में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली स्वरा भास्कर की फिल्म 'निल बट्टे सन्नाटा' भी कर मुक्त की गई थी। फिर कश्मीर फाइल्स को करमुक्त करने में क्या अड़चन है?
क्या अरविन्द के मन में कश्मीर की उन मांओं के लिए कोई संवेदना नहीं है। जिनकी आंखों के आंसू आज तक थमे नहीं है। कश्मीर में जो सहा है उन्होंने, वह आज भी नासूर बनकर जिन्दा है उनके अंदर। अरविन्द कहते हैं — ''एक फिल्म निर्देशक करोड़ों कमा रहा है। अगर सबको फिल्म दिखानी है तो निर्देशक से कहो कि वह यू ट्यूब पर डाल दे, सब मुफ्त में देख पाएंगे। टैक्स में छूट देने की जरूरत क्या है?''
सांड की आंख, 83 और निल बट्टे सन्नाटा जब दिल्ली में करमुक्त की गई थी, उन दिनों क्या यू ट्यूब का आविष्कार नहीं हुआ था या इन फिल्मों की सारी कमाई आम आदमी पार्टी कों चंदा में दिया जाना था। केजरीवाल को पहले यह बताना चाहिए कि इन फिल्मों को छूट देने की जरूरत क्यों पड़ी?
यहां समझने वाली बात है कि फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की कमाई पर जो चारों तरफ से हमले किए जा रहे हैं, हमलावरों को उनकी कमाई से कुछ खास लेना नहीं है। पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने बीमारी की नब्ज पर सही हाथ रखा है। हर्ष वर्धन लिखते हैं — ''सेक्युलर गुलामों के गिरोह, जिसमें नेता, पत्रकार, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट तक शामिल हैं, को इससे रत्ती भर फ़र्क़ नहीं पड़ता कि विवेक अग्निहोत्री की 'कश्मीर फाइल्स' से कमाई कितने करोड़ की हो रही है? उनका अंग विशेष इसलिए चीत्कार कर रहा है कि, फिल्म ने करोड़ों कमाए तो ऐसी जाने कितनी फ़ाइलें खुलेंगी और गिरोह का धंधा बंद हो जाएगा।''
अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी उस गिरोह से अलग नहीं है। रईस खान खुलासा करते हैं — दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उत्तर प्रदेश के निलंबित प्रशासनिक अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह और राफेल गांधी 2.0 के नाम से चल रही फेक आईडी को चलाने वाली कंपनी एक ही व्यक्ति की है। रईस खान के अनुसार — उसका नाम सुनील शर्मा है। जिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा हुआ है।
राफेल गांधी 2.0 नाम से चल रहे फेक अकाउंट के निलंबित होने के बाद सबसे अधिक चिन्ता में यू ट्रूयूबर अजीत अंजुम दिखे। इस उलझे हुए धागे को आप जितना सुलझाएंगे, सेकुलर गिरोह की तस्वीर आपकी नजर में उतनी ही साफ होती जाएगी।
केजरीवाल के फिल्म को करमुक्त ना करने वाले बयान के बाद अचानक टूलकिट की तरह कुछ सोशल मीडिया अकाउंट सक्रिय हो गए। उनके लिखे से ही उनके सेकुलर गिरोह में होने का अंदाजा होता है। एनडीटीवी के उमाशंकर सिंह, श्वेता चतुर्वेदी, साईमा, सूर्य प्रताप सिंह, अजीत अंजुम, साक्षी जोशी, विनोद कापरी सब एक साथ केजरीवाल के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मैदान में उतर आए।
दशकों से यह सेकुलर समूह की पहचान रही है कि उन्होंने हमेशा हिन्दुओं के नरसंहार पर जश्न मनाया है। इसलिए देश की जनता ने उन्हें हासिए पर फेक दिया। जिसके अंदर नृशंस हत्या और बलात्कार पीड़ित परिवारों के लिए कोई संवेदना नहीं है। वह इंसान नहीं हैं। ये वही लोग हैं, जो अपने बच्चे, अपनी पत्नी को हल्की सी चोट भी आ जाए तो जार—जार रो पड़ते हैं, बच्चों के नाम पर घर तक लड़ने पहुंच जाते हैं लेकिन कश्मीर में जो हुआ, उस पर ये लोग केजरीवाल के ठहाकों के साथ खड़े हैं। आप सबकी इस पक्षधरता का इतिहास समय लिखेगा।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने क्या गलत लिखा — ''कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को झूठा बताना मतलब अपनी मां के चरित्र पर सवाल उठाना। शेम आन यू केजरीवाल। केजरीवाल ने देश के हर शहीद और सेना के जवानों को गाली दी है आतंकवादियों का बचाव करके।''
अब क्या केजरीवाल हत्यारों और बलात्कारियों के समर्थन से कश्मीर में सरकार बनाने की योजना बना रहे हैं? केजरीवाल की देश को बांटने वाली यह राजनीति फिर लंबे समय तक चलने वाली नहीं है।
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