बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'सुशासन बाबू' कहा जाता है, लेकिन होली के दिन और उसके बाद राज्य में घटी घटनाओं ने उनकी इस छवि को धूमिल कर दिया है। नीतीश कुमार कुछ दिन पहले ही विधानसभा के अध्यक्ष पर गुस्सा हुए थे, लेकिन उनका यह गुस्सा उन अपराधियों और जिहादियों पर नहीं फूटता है, जो राज्य के माहौल को खराब कर रहे हैं।
*बेगूसराय और बरौनी में जिहादी हमले*
पहले बात बेगूसराय की। 18 मार्च को मुफस्सिल थाना के रजौडा में एक मामूली विवाद में कुछ जिहादियों ने चार हिंदुओं को चाकू से मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि दीनदयाल रोड फुलवडिय़ा-शोकहरा, बरौनी में 19 मार्च की देर रात मुस्लिमों ने विकास, सूरज, मनोज और राकेश को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इन घटनाओं को लेकर लीपापोती करने की कोशिश की तो वे जनजागरण के लिए जनता के दरबार में जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू कहां जाएं, बिहार भी सुरक्षित नहीं रहा। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी इसे प्रशासन की विफलता माना। उनके अनुसार बेगूसराय की घटनाएं प्रशासन की विफलता हैं। जो लोग समाज में सदियों से रहते हैं, वे उस गांव में रहने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
*मुख्यमंत्री के गृह जिले में युवक को तेजाब से नहलाया गया*
मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में कानून—व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। अक्सर जिले से अपराध की घटनाएं सामने आती हैं। इस बार तो दरिंदगी की सारी सीमाएं पार हो गई हैं। हिलसा थाना क्षेत्र के नदहा गांव में रामजी राम के 35 वर्षीय पुत्र विरेश राम को तेजाब डालकर जिंदा जला दिया गया। बताया जा रहरा है कि पटना में ठेला चलाकर जीविकोपार्जन करने वाला विरेश राम होली में घर आया था। 18 मार्च की देर शाम कुछ लोग उसे बुलाकर ले गए। इसके बाद गला दबाने के बाद उसे तेजाब डालकर जला दिया गया। शव को सरसों के खेत में फेंक दिया गया। घटना की खबर मिलते ही बवाल मच गया। इस मामले में एक की गिरफ्तारी हुई है।
*बेतिया में बवाल*
पश्चिम चंपारण स्थित बलथर थाने पर आक्रोशित भीड़ के हमले से एक पुलिसकर्मी सहित दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि नौ पुलिसकर्मी घायल हैं। चता चला है कि होली के दिन डीजे बजाने को लेकर हुए एक विवाद के बाद पुलिस ने एक युवक अनिरुद्ध प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था। पुलिस हिरासत में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने कहा कि हिरासत मेें मधुमक्खी के काटने से अनिरुद्ध की मौत हुई। जबकि स्थानीय कुछ लोगों का कहना है कि मृतक अनिरुद्ध के परिवार और थाने के एक चौकीदार के बीच पहले से विवाद चल रहा था। यानी लोगों का कहना है कि अनिरुद्ध की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। इस कारण लोगों ने थाने पर हमला कर दिया।
*बांका में 8 वर्ष की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार*
बांका जिले के चानन इलाके में 8 वर्ष की बच्ची के साथ होली के दिन सामूहिक दुष्कर्म हुआ। बलात्कारियों ने पीड़िता के साथ दरिंदगी की हदें पार कर दीं। उसकी हत्या के बाद आखें फोड़ दी गईं।
*संदेहास्पद स्थिति में 32 व्यक्ति की गई जान*
दो—तीन दिन के अंदर बिहार में 32 लोगों की जान संदेहास्पद स्थिति में गई है। भागलपुर में 16, बांका में 12, मधेपुरा में तीन और नालंदा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। वहीं भागलपुर में दो, बांका में छह और मधेपुरा में एक दर्जन लोग बीमार हैं। भागलपुर और बांका में एक-एक युवक की आंखों की रोशनी भी चली गई है। लोगों का कहना है कि मौत का कारण जहरीली शराब है। उल्लेखनीय है कि बिहार में छह साल से शराबबंदी है। इसके बावजूद आएदिन लोग शराब पीकर मर रहे हैं। इससे सुशासन बाबू की फजीहत ही हो रही है।
*सीतामढ़ी और नवादा में हिंसक झड़प*
होली के दौरान सीतामढ़ी के रीगा प्रखंड अंतर्गत चंडीहा गांव में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हुई। इसके साथ ही नवादा में भी इसी तरह की घटना घटी। सीतामढ़ी में तो डीजे बजाने पर जिहादियों ने आपत्ति की और पुलिस ने डीजे जब्त कर लिया। इसके बसद मामला बिगड़ गया।
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