खबर है कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) बाहर हो गई है। इस कारण नीतीश कुमार की सरकार को लेकर कई तरह की बातें कही जाने लगी हैं। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि जो अधिक 'वीआईपी' बनता है, उसे जनता सहजता से स्वीकार नहीं करती है। यहां बात हो रही है विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और राज्य सरकार में मंत्री मुकेश सहनी की। उल्लेखनीय है कि बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने हिस्से की कुछ सीटें नवोदित विकासशील इंसान पार्टी को दी थीं। इस कारण उसके चार विधायक चुने गए थे। इसके बाद विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बने। उस नीतीश सरकार में जिसे भाजपा ने बड़ी उदारता दिखाते हुए समर्थन दिया है। उल्लखेनीय है कि 2020 में भाजपा के 74 और जदयू के केवल 43 विधायक चुने गए हैं। इसके बावजूद भाजपा ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया हुआ है। अब कुछ लोगों का मानना है कि जदयू के नेता ही मुकेश सहनी को भाजपा के विरोध में बोलने के लिए उकसाते हैं। इस कारण जब—तब मुकेश सहनी भाजपा के विरोध में बयान दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा के समय भी मुकेश ने भाजपा विरोधी बयान दिए थे। इस कारण भाजपा से उनकी दूरी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि पिछले दिनों भाजपा ने बोचहां विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इसके बाद मुकेश सहनी बिहार सरकार को गिरा देने की बात कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 2020 में बोचहां से विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान भाजपा के सहयोग से चुनाव जीते थे। कुछ समय पहले उनका निधन हो गया है। इस कारण वहां उपचुनाव हो रहा है। भाजपा का कहना है कि बोचहां उसकी सीट है,इसलिए वहां से उसी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। वहीं विकासशील इंसान पार्टी का कहना है कि यह उसकी सीट है। इसी पर दोनों दलों में तनातनी इतनी बढ़ गई कि अब खबर आ रही है कि विकासशील इंसान पार्टी राजग से ही बाहर हो गई है।
राज्य की स्थिरता पर इसका असर कितना पड़ता है, यह समय बताएगा।
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