प्रतिनिधि सभा के संदर्भ में 13 मार्च को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत के विमर्श को मजबूत करने, उसे प्रभावी बनाने का विशेष प्रयास किया जाएगा। श्री होसबाले ने कहा कि भारत के हिन्दू समाज, संस्कृति, इतिहास, यहां की जीवन पद्धति के बारे में एक सही चित्र को समाज के सम्मुख रखना चाहिए। भारत में और विदेशों में भी भारत के बारे में अज्ञान के कारण और जानबूझकर भी भ्रांतियां फैलाने का षड्यंत्र लंबे समय से चल रहा है। इस वैचारिक विमर्श को बदलकर तथ्यों पर आधारित भारत बोध के सही विमर्श को आगे बढ़ाना होगा। समाज में बहुत से लोग इस विषय पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने शोध किए हैं, पुस्तकें लिखी हैं। विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ भी समन्वय-सहयोग किया जाएगा।
समाज की आंतरिक शक्ति बढ़नी जरूरी
सरकार्यवाह ने आगे बताया कि संघ का शताब्दी वर्ष निकट आ रहा है। हर तीन वर्ष में संघ कार्य के विस्तार (भौगोलिक व संघ कार्य के आयामों का) को लेकर योजना बनाई जाती हैं। हर वर्ष दो बार (कार्यकारी मंडल, प्रतिनिधि सभा) उसकी समीक्षा करते हैं। अभी देशभर में 50 प्रतिशत मंडलों में संघ कार्य पहुंचा है, आने वाले दो वर्ष में सभी मंडलों में कार्य पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है व योजना बनी है। शहरी क्षेत्रों में 45 प्रतिशत बस्तियों में संघ कार्य है, दो वर्षों में इसे भी सभी बस्तियों में ले जाने का लक्ष्य व योजना है।
उन्होंने कहा कि संघ कार्य बढ़ाने का उद्देश्य संख्यात्मक आंकड़ों या गर्व के लिए नहीं है। संघ के स्वयंसेवक हर बस्ती-मंडल में हैं, जो राष्ट्रीयता, राष्ट्र भावना को आगे बढ़ा रहे हैं। ये संकट के समय संवेदना से समाज के सब लोगों को जोड़ने का कार्य करते हैं। इसलिए संघ का उद्देश्य अपने संगठन की ताकत बढ़ाना नहीं है, समाज की आंतरिक शक्ति बढ़नी चाहिए। सामाजिक एकता, समरसता, संगठन भाव बढ़ाना है। इसलिए संघ की शाखा है। इसी भावना को समझते हुए समाज ने सहयोग किया है, स्वीकार किया है।
श्री होसबाले ने कहा कि स्वयंसेवक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। स्वयंसेवकों की पहल व समाज की सज्जन शक्ति के सहयोग से समाज परिवर्तन के कार्य को परिणामकारी ढंग से आगे बढ़ाया गया है। उनका कहना है कि हम दौड़ में आगे नहीं रहना चाहते, सभी लोग मिलकर तालमेल के साथ कार्य करें, इसलिए हम केवल संगठन की रचना नहीं कर रहे। हम समाज परिवर्तन के कार्य को समाज का आंदोलन बनाना चाहते हैं। देश के हर जिले में एक गांव को आदर्श गांव बनाना चाहते हैं। अभी देश में 400 गांव प्रभात गांव हैं, जहां कुछ परिवर्तन दिखता है। ऐसे ही परिवार प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, गो सेवा-संवर्धन के क्षेत्र में स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करें युवा
सरकार्यवाह ने कहा कि भारत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन सार्वदेशिक और सर्वसमावेशी था। लेकिन इसके कई तथ्य सामने नहीं आए। स्वतंत्रता सेनानियों ने संगठित संपन्न भारत का स्वप्न देखा था, उसे साकार रूप देने का कार्य वर्तमान पीढ़ी को करना चाहिए। इस दृष्टि से संघ ने विभिन्न कार्यक्रम लिए हैं। दो क्षेत्रों में विशेष कार्य करने की बड़ी आवश्यकता है। शिक्षा क्षेत्र में कोरोना काल में विद्यालय बंद होने के कारण छात्रों का विकास प्रभावित हुआ है। इसे लेकर संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। आनलाइन माध्यम से पढ़ाई तो हुई लेकिन काफी कुछ छूट गया, इसकी भरपाई आवश्यक है। दूसरे, कोरोना के कारण रोजगार प्रभावित हुआ है, अत: स्वावलंबन की दिशा में भी स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसी के संबंध में बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, मानवशक्ति की विपुलता और अंतर्निहित उद्यम कौशल के चलते भारत में अपने कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों को परिवर्तित करते हुए कार्य के पर्याप्त अवसर उत्पन्न कर आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है। इस क्षमता का सदुपयोग करने के लिए एक तरफ सरकार की योजना होनी चाहिए, दूसरी तरफ समाज की कर्मण्यता भी बढ़नी चाहिए।
पत्रकार वार्ता में मंच पर श्री होसबाले के साथ संघ के अ.भा. प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर भी उपस्थित थे। कर्णावती के सभी प्रमुख मीडिया समूहों और टीवी चैनलों ने इस वार्ता का प्रसारण किया और इसे प्रमुखता से प्रकाशित भी किया।
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