पाकिस्तान की एक ताजा करतूत का खुलासा होने से उसके यहां 9 मार्च की मिसाइल दागने की घटना से मचे हड़कम्प का पता चलाता है। उस दिन भारत के ऱक्षा विभाग के अनुसार, भारत की तरफ से भूल से एक मिसाइल दागी गई थी जो पाकिस्तान के एक इलाके में जाकर गिरी थी। संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस घटना की जांच का वादा करने के बाद यह चूक कैसे हुई, यह सामने आ जाएगा।
लेकिन इस बीच पाकिस्तान द्वारा अपनी वायुसेना के दो अफसरों को मिसाइल का पता लगाने में उनसे हुई चूक की वजह से बर्खास्त किया जा चुका है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने इसके लिए भारत के साथ संयुक्त जांच कराए जाने की मांग की है। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी तो उस खोजी रिपोर्ट से हुई है जो पाकिस्तान में उस वक्त पैद हुई अफरातफरी को बयां करती है।
ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जो बताती है कि गलती से मिसाइल छूटने की घटना को शुरू में पाकिस्तान ने भारत का हमला मानते हुए जवाब में मिसाइल दागने की तैयारी कर ली थी। लेकिन दागी नहीं थी। दागने से ठीक पहले पाकिस्तानी सेना ने अपना इरादा बदल लिया था। बताते हैं भारत से गनती से दागी गई मिसाइल पाकिस्तान में 124 किलोमीटर अंदर जाकर गिरी थी।
पाकिस्तान ने जवाबी मिसाइल दागने की तैयारी तो की थी, लेकिन फिर उसने कदम रोक लिए थे। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को इसमें किसी गड़बड़ी की आशंका हो गई थी। भारत और पाकिस्तान के सैन्य कमांडरों के बीच ऐसी आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए एक तंत्र मौजूद है। दोनों तरफ के कमांडर हॉटलाइन पर आपस में संपर्क कर लेते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने आखिरी क्षणों में मिसाइल न दागने का जो फैसला किया था उसके पीछे संभवत: दो वजहें थीं। एक, भारत की तरफ से गलती से छूटी मिसाइल पर कोई भी वॉरहेड नहीं लगा था। दो, शुरू में ही यह लग गया था कि मिसाइल जानबूझकर नहीं दागी गई थी। वजह यह है कि इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए दोनों देशों के पास हॉटलाइन सुविधा मौजूद है। जबकि इस मिसाइल के बारे में कहा जा रहा है कि इस बारे में हॉटलाइन पर कोई भी बात नहीं हुई थी।
सुप्रसिद्ध पोर्टल ब्लूमबर्ग में लिखा गया है कि, पाकिस्तान ने जवाबी मिसाइल दागने की तैयारी तो की थी, लेकिन फिर उसने कदम रोक लिए थे। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को इसमें किसी गड़बड़ी की आशंका हो गई थी। पाकिस्तान के अफसर कहते हैं कि भारत की मिसाइल सिरसा से दागी गई थी, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि यह अम्बाला से दागी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें मानवीय तथा तकनीकी दोनों तरह की चूक शामिल रहीं।
भारत और पाकिस्तान के सैन्य कमांडरों के बीच ऐसी आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए एक तंत्र मौजूद है। दोनों तरफ के कमांडर हॉटलाइन पर आपस में संपर्क कर लेते हैं। पाकिस्तान को हैरान इस बात की है कि भारत ने इस हॉटलाइन का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? पाकिस्तान ने तो 10 मार्च को ही प्रेस को इस घटना की जानकारी दे दी थी। जबकि भारत की तरफ से 11 मार्च को माना गया था कि वह मिसाइल भूल से दाग दी गई थी।
फिलहाल भारत ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं। पाकिस्तान की फौज की बजाय वहां के राजनीतिज्ञ इस मामले को बढ़ा—चढ़ाकर पेश करने की कोशिशें कर रहे हैं। वे दूसरे देशों के नेताओं से भारत की शिकायतें कर रहे हैं। चीन ने भी दबे सुर में पाकिस्तान की इस बात का समर्थन किया है कि इस मामले की संयुक्त जांच होनी चाहिए। जबकि अमेरिका का साफ कहना था कि यह महज एक दुर्घटना थी। इसके पीछ कोई साजिश नहीं है।
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