अब झारखंड को एक नई "पहचान" मिल रही है। वह पहचान है युवतियों के साथ छेड़छाड़ करना, बलात्कार करना और फिर अंत में हत्या कर देना। पिछले कुछ दिनों में इस तरह की अनगिनत घटनाएं घटी हैं झारखंड में।
रामगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक मिश्रा कहते हैं, ''अब झारखंड में अपराध इतने बढ़ते जा रहे हैं कि लोगों का कानून—व्यवस्था पर से भरोसा उठता जा रहा है। इसका कारण अपराधियों के ऊपर सरकार और प्रशासन का सीधा हाथ होना है।''
रामगढ़ जिले के बरलंगा थाना क्षेत्र में घटी घटना बता रही है कि झारखंड में कानून—व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि 10 मार्च की शाम को 19 वर्षीया एक युवती के साथ कुछ युवकों ने सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, इस घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके ही दुपट्टे से उसे फांसी लगाकर लटका दिया गया और कमरे का ताला बंद कर दिया गया। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि युवती 10 मार्च की देर शाम अपने घर से बाहर पानी लेने गई थी। इसी दौरान टेंट हाउस चलाने वाले पड़ोस के एक युवक संतोष कुमार महतो ने उसे जबरन खींचा और बगल में स्थित अपने टेंट हाउस में ले गया, जहां उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर युवती का सामूहिक बलात्कार कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इस पूरे घटना का खुलासा एक बच्चे ने किया। उसी ने बताया कि संतोष महतो युवती को जबरन खींच कर अपने टेंट हाउस में ले गया। उसी बच्चे की निशानदेही पर परिजनों ने युवती का पता लगाया।
लेकिन इस घटना पर वे लोग चुप हैं, जो हाथरस जाने के लिए कोरोना के नियमों को भी नहीं मान रहे थे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में हाथरस के बूलगढ़ी में 14 सितम्बर, 2020 को ठीक ऐसी ही घटना हुई थी। इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और यहां तक कि ममता बनर्जी जैसे लोगों में हाथरस जाने की होड़ सी लग गई थी। लेकिन झारखंड में घटी इस घटना पर ये लोग इस तरह से चुप हैं, मानो कुछ हुआ ही न हो।
भाजपा के युवा नेता राजीव जायसवाल कहते हैं, ''यदि रामगढ़ जैसी घटना किसी भाजपा शासित राज्य में होती तो मिनटों में यह पूरी दुनिया में फैल गई होती। पूरा लोकतंत्र खतरे में आ गया होता। सेकुलर मीडिया दौड़ा—दौड़ा फिरता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इस समय झारखंड में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं। वही हेमंत, जो राहुल के 'मित्र' हैं, केजरीवाल के 'समविचारी' हैं, ममता के 'दुलारे' हैं। इसलिए ये लोग झारखंड की किसी घटना पर कुछ नहीं बोलते हैं।''
9 मार्च को भी बोकारो जिले के पेटरवार थाना क्षेत्र में 4 मुसलमानों ने 16 वर्षीया नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में रोड के किनारे मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग फेंक कर भाग ही रहे थे कि गांव वालों ने सजगता दिखाते हुए उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना में भी उस नाबालिग युवती की मां का कहना है कि पुलिस जानबूझकर अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार पुलिस ने जबरन पीड़िता के पिता और मां से किसी कागज में हस्ताक्षर करवाए हैं। हालाँकि काफी हंगामे के बाद पीड़िता के दादा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इसमें आरोपी युवकों में मस्जिद टोला निवासी मोहम्मद इरफान, सदमा कला निवासी इरफान, सलमान और एक अन्य शामिल है। इसमें से दो लोगों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है, बाकि लोग अभी भी फरार हैं। इरफान पीड़ित छात्रा की सहेली का भाई है। पीड़िता के दादा के अनुसार इसी सहेली ने पीड़िता को अपने घर बुलाया था। इस घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीड़िता के परिजनों के साथ बोकारो—रामगढ़ मुख्य मार्ग को पेटरवार के तेनु चौक के पास जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। इस हंगामे को शांत करने के लिए पुलिस को आक्रोशित भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस भी छोड़नी पड़ी। अब पेटरवार में 13 मार्च तक निषेधाज्ञा लागू है।
मुख्यमंत्री के बयान
रांची, दुमका, साहेबगंज, गोड्डा, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद सहित अन्य कई जिलों में आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं झारखंड के सभी जिलों का अमूमन यही हाल है। झारखंड में छोटी बच्ची से लेकर 50 साल की महिला भी सुरक्षित नहीं है। कुछ महीनों पहले दुमका में एक प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था, ''कोरोना काल के चलते लोगों में मानसिक विकार बढ़ गया है, इसलिए दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई हैं।'' इतना ही नहीं,विधानसभा के विशेष सत्र में भी उन्होंने कहा था, ''जिओ फ्री में नेट दे रहा है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।''
जब मुख्यमंत्री ही इस तरह के बयान देंगे तो राज्य को भगवान ही बचा सकते हैं।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और गोमिया विधायक लम्बोदर महतो भी पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि जब पीड़िता खुद अत्याचार की बात बता रही है, तो फिर पुलिस इस मामले को क्यों दबाना चाह रही है! इस घटना में थाना प्रभारी पूनम कुजुर पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की है। हालाँकि हंगामे के बाद पूनम कुजूर को निलंबित कर दिया गया है।
भाजयुमो की प्रदेश नेत्री कीर्ति गौरव ने कहा कि झारखंड सरकार को सिर्फ अपने हितों की बात करती है। ऐसा एक भी दिन नहीं गुजर रहा है जब महिलाओं के साथ कुकृत्य की घटनाएं सामने नहीं आ रही हो। हेमंत सरकार की ओछी और दोहरी राजनीति के कारण ही लोगों में कानून का डर खत्म हो गया है।
इस मामले को हजारीबाग के भाजपा विधायक मनीष जयसवाल और गोमिया से आजसू विधायक लंबोदर महतो ने झारखंड विधानसभा में उठाया है। इन लोगों का कहना है कि झारखंड में अब अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। खुलेआम एक हिंदू युवती का बलात्कार होता है और सरकार से लेकर प्रशासन तक अपराधियों को ही बचाने की कोशिश करते हैं।
झारखंड के सभी जिलों का अमूमन यही हाल है। रांची, दुमका, साहेबगंज, गोड्डा, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद सहित अन्य कई जिलों में आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सुनने को मिल ही जाती हैं। झारखंड में छोटी बच्ची से लेकर 50 साल की महिला भी सुरक्षित नहीं है। कुछ महीनों पहले दुमका में एक प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था, ''कोरोना काल के चलते लोगों में मानसिक विकार बढ़ गया है, इसलिए दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई हैं।'' इतना ही नहीं,विधानसभा के विशेष सत्र में भी उन्होंने कहा था, ''जिओ फ्री में नेट दे रहा है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।''
जब मुख्यमंत्री ही इस तरह के बयान देंगे तो राज्य को भगवान ही बचा सकते हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ