उत्तराखंड में फूलों की खेती का रकबा पिछले कुछ सालों में बढ़ गया है। पहले यहां डेढ़ सौ हेक्टेयर में फूलों की खेती होती थी वो बढ़कर 1600 हेक्टेयर तक जा पहुंची है। राज्य में फूलों के उत्पादन की तरफ किसानों का एकाएक रुझान बढ़ गया है। उत्तराखंड में पहाड़ों में छोटी जोत के किसानों की आलू, फल, सब्जी की फसल को बंदर और जंगली सुअर नष्ट कर दे रहे हैं। इन किसानों का रुख अब फूल उत्पादन की तरफ होने लगा है।
पॉली हाउस और खुले खेत में फूलों की खेती से किसानों को अच्छी कमाई होने लगी है। फूलों को जानवर भी नहीं खाते इस लिए किसानों ने अपने खेतों में इसे अपने कारोबार की तरह अपना लिया है। हरिद्वार में फूलों की खासी खपत है इसके अलावा शादी ब्याह और अन्य समारोहों में फूलों का बाजार उत्तराखंड के मैदानी शहरों के अलावा दिल्ली एनसीआर में भी पनप रहा है।
उत्तराखंड के उद्यान निदेशक एचएस बवेजा बताते हैं कि राज्य में पहले कुल डेढ़ सौ हेक्टेयर में ही फूलों का उत्पादन हो रहा था जो अब बढ़ कर 1600 हेक्टेयर तक पहुंच गया है। अभी ये बाजार 250 करोड़ से ज्यादा का हो चुका है। करीब 3322 मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि ये हर साल तेज़ी से बढ़ेगा।
टिप्पणियाँ