दिब्य कमल बोरदोलोई
असम पुलिस ने रविवार रात कचेर जिले में शीर्ष नक्सली कंचन दा उर्फ अरुण कुमार भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया। यह खूंखार नक्सली भारत में कई मामलों में वांछित था। सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर 3 करोड़ का इनाम घोषित कर रखा था। वह सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय आयोजन समिति का सदस्य है और भारत के कई राज्यों में नक्सली गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है।
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त हरमीत सिंह ने बताया कि कंचन असम में माओवादी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था और दक्षिणी असम के कछार जिले के पाटीमारा चाय बागान में छिप गया। उसे उत्तर पूर्व में विशेष रूप से असम में जड़ें जमाने का काम सौंपा गया था। उसे पकड़ना देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए लड़ रही सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी जीत है। पुलिस ने कंचन की सहायता कर रहे सीपीआई (माओवादी) के एक अन्य राज्य नेता आकाश ओरंग उर्फ काजोल को भी गिरफ्तार किया। वह सीपीआई (माओवादी) की अखिल असम आयोजन समिति का सदस्य था। गौरतलब है कि कंचन के खिलाफ पूरे भारत में कम से कम 200 राष्ट्रविरोधी गतिविधि, जबरन वसूली, अवैध हथियारों के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसके कब्जे से एक लैपटॉप, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, काफी संख्या में माओवादी साहित्य और 3 लाख 60 हजार रुपये नकद जब्त किए हैं।
पुलिस आयुक्त हरमीत सिंह ने बताया कि मामला एनआईए को सौंपा जाएगा क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। एनआईए के शीर्ष अधिकारियों की एक टीम उससे पूछताछ के लिए गुवाहाटी जा रही है। सीपीआई (माओवादी) ने उसे माओवादी गतिविधियों के लिए असम और उत्तर पूर्व के अन्य राज्यों में एक लाल गलियारा बनाने का काम सौंपा। उसे असम में एक पार्टी कांग्रेस की व्यवस्था करने और असम में एक कोर कमेटी की स्थापना करने का भी काम सौंपा गया था। उसे आतंकी फंडिंग के लिए हथियार की व्यवस्था करने और फिर जबरन वसूली शुरू करने का काम भी दिया गया था। उसे युवा लोगों को आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रभावित करने का भी काम सौंपा गया था।
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