यूक्रेन में फंसे हरियाणा के करीब दो हजार बच्चों में से अधिकांश वापस आ गए हैं। अब लगभग सौ छात्र ही वहां रह गए हैं, जबकि कुछ बच्चों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं, हिमाचल के 249 छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जबकि अभी तक 198 छात्र आ चुके हैं। इस बीच, युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे छात्रों ने अपनी आपबीती सुनाई कि वे किन परिस्थितियों में रहे और क्या-क्या झेला।
यूक्रेन से लौटे छात्र जिस तहर से वहां के हालात के बारे में बता रहे हैं, उसे सुनकर ही सिहरन हो जाती है। साथ ही, जो तनाव उन्होंने झेला उसके बाद एकबारगी तो वे यही कह रहे हैं कि फिर कभी वहां नहीं जाएंगे, लेकिन वहां दाखिले से लेकर दो-तीन साल की पढ़ाई पर मोटी रकम खर्च कर चुके हैं, इसलिए उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इन्हीं में यूक्रेन से गुरुवार शाम को लौटे छात्र भी शामिल हैं।
एक हफ्ते ट्रेन में सफर
सौरभ और शुभम ने बताया कि वे एक हफ्ते तक रेल में ही सफर करते रहे। ट्रेन में सफर के दौरान बत्तियां बुझा दी जाती थीं, ताकि बम बरसाने वाले रूसी जहाजों की निगाह से बच सकें। उन्होंने बताया कि रूस के हमलों के बीच एक हफ्ते तक वे हर पर खौफ के साये में रहे। सुरक्षित अपने घर पहुंचने पर उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया। उनका कहना है कि वहां अभी भी काफी छात्र फंसे हुए हैं। इन छात्रों का कहना है कि यूक्रेन के लोगों ने और वहां की सेना ने उनका बहुत साथ दिया। उनकी वजह से ही वे सुरक्षित अपने घरों तक पहुंच पाए हैं। वहीं, शैली ने बताया कि वहां पाकिस्तान के छात्र भी फंसे हुए थे। चूंकि भारतीय छात्रों को आसानी से निकलने दिया जा रहा था, इसलिए वे भारतीय झंडा लगाकर वहां से निकल रहे थे। बच्चे जैसे ही घर पहुंचे तो माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे थे। उनका कहना है कि अगर भारत में मेडिकल की पढ़ाई महंगी नहीं होती तो अपने बच्चों को कभी यूक्रेन नहीं भेजते।
हरियाणा के 59 व हिमाचल के 86 बच्चों से संपर्क नहीं
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया यूक्रेन में प्रदेश के 1815 छात्र थे। उन्होंने ट्वीट किया कि हरियाणा के कुल 1815 छात्रों में से 1014 छात्र वापस आ गए हैं। 599 बॉर्डर के पास पहुंच चुके हैं, 59 छात्रों से संपर्क नहीं हो पाया है। वहीं, 20 रास्ते में चले हुए हैं, जबकि 123 छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को विधानसभा में यूक्रेन से लौटने वाले प्रदेश के छात्रों के बारे में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि अब तक 198 छात्र प्रदेश वापस पहुंच चुके हैं। 249 छात्र अभी भी यूक्रेन और उसके सीमावर्ती देशों में फंसे हुए हैं, इनमें 53 खारकीव में हैं। इनमें 163 से संपर्क हो चुका है तथा शेष 86 से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यूक्रेन से सभी बच्चों की सुरक्षित वापसी वापसी को लेकर सरकार संवेदनशील है तथा इसके लिए त्वरित प्रयास कर रही है।
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