हरिद्वार में राजा जी टाइगर रिजर्व से बाहर लाकर बसाए गए सैकड़ों वन गुज्जरों के आधार कार्ड में जन्मतिथि एक जनवरी डाल दी गई है। आधार कार्ड बनाने वाली संस्था ने यह कारनामा किया है। जिला अधिकारी ने इस पर जांच के आदेश दे दिए हैं।
राजा जी टाइगर रिजर्व में रहने वाले करीब चार हजार वन गुज्जरों को हरिद्वार के लालढांग इलाके के गेंडीखत्ता में बसाया गया था। वन गुज्जरों के जब आधार कार्ड बनने लगे तो कार्ड बनाने वाली संस्था ने आठ सौ से ज्यादा वन गुज्जरों की जन्मतिथि एक जनवरी दर्ज कर दी। अब जब इन्हें सरकारी योजनाओं को दिए जाने का विषय सामने आया तो पता चला कि बुजुर्ग गुज्जर को वृद्धावस्था पेंशन इसलिए नहीं मिल रही क्योंकि इनकी वास्तविक उम्र से बीस साल कम उम्र को आधार कार्ड में दर्शाया गया है।
ज्यादातर वन गुज्जर अशिक्षित हैं और जब उनके आधार कार्ड बने तो न उनसे उम्र पूछी गयी और न ही उन्हें स्क्रीन पर जानकारी दी गयी। इस मामले की जानकारी एक स्वयंसेवी संस्था को मिली तो उसने जिलाधिकारी को इस बात की जानकारी दी। डीएम ने तत्काल जांच बिठा दी और एसडीएम तहसीलदार को इनके कार्ड ठीक करने के आदेश दिए।
वन गुज्जर वर्षों से जंगलों में ही रहते आये हैं और ये गाय-भैंसों के दूध से अपना जीवन यापन करते हैं। ये समुदाय शाकाहारी होता है और कभी इन पर जंगल की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी रहती थी।
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