उत्तराखंड : पर्वतीय जिलों की सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने किया मतदान, इस फाउंडेशन की रिपोर्ट ने किया खुलासा
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्तराखंड : पर्वतीय जिलों की सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने किया मतदान, इस फाउंडेशन की रिपोर्ट ने किया खुलासा

by WEB DESK
Feb 26, 2022, 04:15 am IST
in भारत, उत्तराखंड
प्रतीकात्मक - चित्र

प्रतीकात्मक - चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
2017 के बाद 2022 में भी उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में महिलाओं ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए पुरुषों से कहीं ज्यादा योगदान दिया है।

 

एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड के 2022 विधान सभा चुनावों को सिटीजन इंगेजमेंट, वोटर अवेयरनेस, पलायन, महिला सशक्तिकरण और डेमोग्राफिक चेंज के आइने से समझने का प्रयास किया है। इसी कड़ी मे एसडीसी फाउंडेशन ने हाल मे संपन्न उत्तराखंड के पांचवें विधानसभा चुनाव को लेकर जारी अपनी सातवीं रिपोर्ट  "वूमन पार्टिसिपेशन एंड उत्तराखंड 2022 इलेक्शन डेटा" में विभिन्न आंकड़ों के साथ ही महिलाओं की भागीदारी का अध्ययन किया है। 

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा की 2017 चुनाव की तर्ज़ पर इस बार भी नौ पर्वतीय जिलों की 34 में से 33 सीटों पर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले। एक मात्र उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट पर महिला मतदाताओं के मुकाबले 1,260 ज्यादा पुरुष मतदाता वोट देने पहुंचे। पर्वतीय जिलों की प्रत्येक सीट पर औसतन 29,169 महिलाओं ने और 25,284 पुरुषों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस तरह पर्वतीय जिलों की प्रत्येक विधान सभा मे पुरुष और महिला मतदाता के औसत कुल 54,453 वोट पड़े। 

एसडीसी फाउंडेशन का विश्लेषण बताता है कि महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या में सबसे बड़ा अंतर घनसाली में रहा। यहां पुरुषों के मुकाबले 9,541 ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। इसी तरह रुद्रप्रयाग में पुरुषों के मुकाबले 9,381 ज्यादा महिलाओं ने और बागेश्वर में 7,943 ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया।

एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार 2022 चुनाव में 34 पर्वतीय सीटों पर 16,23,951 पुरुष मतदाताओं में से केवल 8,59,642 ने यानी सिर्फ 52.94 प्रतिशत ने मतदान किया। इसकी तुलना मे 15,60,869 महिला मतदाताओं मे से 9,91,748 यानि 63.54% ने मतदान किया। इस तरह 34 पर्वतीय विधानसभा सीट पर कुल 132,106 ज्यादा महिला मतदान हुआ ।   

अनूप नौटियाल के अनुसार चार मैदानी जिलों की 36 में से 5 सीटों पर भी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है। इनमें कालढूंगी, नानकमत्ता, खटीमा, डोईवाला और ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। प्रदेश की 70 सीटों मे 38 पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया है ।

 

अनूप नौटियाल के अनुसार 2022 में भी स्थिति कमोबेश 2017 जैसी ही रही है। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी 34 में से 33 पर्वतीय सीटों पर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले। एक मात्र उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट पर ही फिर महिला मतदाताओं के मुकाबले ज्यादा पुरुष मतदाता वोट देने पहुंचे। रिपोर्ट के अनुसार इस बार पर्वतीय जिलों की सीटों पर 2017 के मुकाबले महिला और पुरुष मतदाताओं का अंतर कुछ कम हुआ है। इस बार यह अंतर प्रत्येक सीट पर औसतन 3,885 रहा; जबकि 2017 में 5,116 वोट का अंतर था। 

अनूप नौटियाल ने कहा की ऐसा सम्भवता कोविड के दौरान रिवर्स माइग्रेशन के कारण हुआ हो। उनका अनुमान है कि कोविड लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे कुछ लोग गांवों में ही रुक गये होंगे, हालांकि ऐसा कोई पुख्ता आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है। उन्होंने इस मामले में जमीनी अध्ययन करने की जरूरत बताई है।

अनूप नौटियाल के अनुसार चार मैदानी जिलों की 36 में से 5 सीटों पर भी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है। इनमें कालढूंगी, नानकमत्ता, खटीमा, डोईवाला और ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। प्रदेश की 70 सीटों मे 38 पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया है ।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies