बिजनौर शहर से गंगा बैराज तक एनएच पर जानलेवा गड्डो से क्षेत्रवासी परेशान थे, किसान यूनियन ने भी डीएम से मांग की थी कि वो सड़को को ठीक करवाये,खुद डीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इन गड्डो से नाराज थे। हाईवे पर सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है लेकिन एनएच अभियंताओं की ये जिम्मेदारी भी थी कि वे सड़को को दुरुस्त रखे। सड़को पर गड्डो की मरम्मत नही होने पर डीएम ने मेरठ सर्किल के एनएच के अधिकारियों और पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की बैठक बुलाई। बैठक में परियोजना निदेशक तो आये नही उन्होंने, डीजीएम और अन्य छोटे अधिकारियों को भेज दिया।
डीएम उमेश मिश्रा ने जब उनसे गड्डो के न भरे जाने का कारण पूछा तो वो संतोषजनक उत्तर देने के बजाय डीएम मिश्रा से बहस पर उतारू हो गए, जिलाधिकारी मिश्रा ने बैठक में अपने साथ बैठे एसपी धर्मवीर सिंह को तत्काल इन अधिकारियों को गिरफ्तार करने के आदेश देकर मुक़दम्मा लिखने को कहा। एसपी के आदेश पर थाने से पुलिस की एक टीम आयी और एनएच अधिकारियों को अपने साथ ले गयीं। डीएम की सख्ती से एनएच के अधिकारियों में ऊपर से लेकर नीचे तक हड़कम्म मच गया।
मुक़दम्मा लिखे जाने से पहले ही एनएच 119 पर गड्ढे भरे जाने के लिए एनएच के वाहन पहुंचने लगे। मेरठ सर्किल के निदेशक सड़क पर खड़े होकर गड्ढे भरवाते देखे गए। करीब चार घण्टे बाद थाने से एनएच के अधिकारियों को इस शर्त पर रिहा किया गया कि दो दिन के भीतर सड़क के गड्ढे भर दिए जाएंगे और इसकी रिपोर्ट वो जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
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