दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट में सुस्ती दिखाने वाली एक निर्माण कंपनी को काम बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के पहले फेज का काम करीब एक साल में 10 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो पाया है।
भारत माला परियोजना के तहत पहले फेज का 1326 करोड़ का काम हैदराबाद की गायत्री प्रोजेक्ट कंपनी को दिया गया था, इसमे कम्पनी द्वारा ईस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेस-वे को दिल्ली से जोड़ते हुए 17 किमी की 6 लेन की सड़क बनानी थी। यह एक्सप्रेस-वे आगे जाकर देहरादून दिल्ली की ग्रीन फील्ड इकोनॉमी कॉरिडोर से जुड़ना है, इस पर काम मार्च 2021 से शुरू हुआ और दिसंबर तक इस पर 25 फीसदी काम हो जाना चाहिए था पर कार्य प्रगति की रिपोर्ट में कुल एक प्रतिशत काम ही पूरा पाया गया और यहां जो पेड़ काटे जाने की अनुमति मिली हुई थी वो पेड़ भी नहीं कटे और कंपनी को हाइवे की मरम्मत का काम भी किया जाना था जिस पर कंपनी ने कोई काम नहीं किया।
जानकारी के मुताबिक पश्चिम यूपी में चुनाव प्रचार पर आए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के संज्ञान में यह बात आयी तो उन्होंने एनएचएआई के अधिकारी अरविंद कुमार से रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट आने पर मंत्रालय ने गायत्री कम्पनी का टेंडर निरस्त कर दिया। खबर है कि इसी हफ्ते नया टेंडर निकाल कर ये काम किसी और निर्माण एजेंसी के हवाले किया जाएगा। उधर मेरठ से कोटद्वार तक बन रहे फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग की भी समीक्षा की गई है। जानकारी के मुताबिक बिजनौर में गंगा पर नए पुल निर्माण और हस्तिनापुर अभ्यारण्य से गुजरने वाले इस हाइवे के लिए देहरादून वन्य जीव बोर्ड की एनओसी आनी है, जिसकी वजह से 40 किमी सड़क का काम रुका हुआ है। नितिन गडकरी ने इस एनओसी के लिए अपने प्रोजेक्ट निदेशक दिनेश चतुर्वेदी को निर्देश दिया है कि वो इस पर अपने स्तर से संवाद करें। सड़क परिवहन मंत्री चाहते हैं कि सड़कों पर चल रहे सभी मेगा प्रोजेक्ट तय समय सीमा से पहले पूरे हों इसके लिए वो किसी भी विषय पर समझौता नहीं चाहते।
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