‘विरोधी हुए पस्त, सनातन परंपरा रही अक्षुण्ण’
May 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘विरोधी हुए पस्त, सनातन परंपरा रही अक्षुण्ण’

by WEB DESK
Feb 12, 2022, 03:18 am IST
in भारत, मत अभिमत, दिल्ली
श्री स्वामी रामानुजाचार्य जयंती समारोह को संबोधित करते हुए  श्री मोहनराव भागवत

श्री स्वामी रामानुजाचार्य जयंती समारोह को संबोधित करते हुए  श्री मोहनराव भागवत

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
श्री स्वामी रामानुजाचार्य जयंती समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत शामिल हुए। वहां उन्होंने पूजा—अर्चना की। इसके बाद उन्होंने श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में बनाई गई ‘स्टैच्यू आफ इक्वालिटी’ (समानता की मूर्ति) के दर्शन किए।

 

गत फरवरी को हैदराबाद में आयोजित श्री स्वामी रामानुजाचार्य जयंती समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत शामिल हुए। वहां उन्होंने पूजा—अर्चना की। इसके बाद उन्होंने श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में बनाई गई ‘स्टैच्यू आफ इक्वालिटी’ (समानता की मूर्ति) के दर्शन किए। उनके साथ निवर्तमान सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी थे।

समारोह को संबोधित करते हुए श्री भागवत ने कहा कि हिंदू समाज किसी का विरोधी नहीं है। हम सदियों से फलते-फूलते आ रहे हैं। जिन लोगों ने 1,000 वर्ष तक हिंदुओं को नष्ट करने का प्रयास किया, वे अब विश्व भर में आपस में ही लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आज भी यहां भारत के ‘सनातन’ धार्मिक जीवन को देखा जा सकता है। इतने अत्याचारों के बावजूद, हमारे पास ‘मातृभूमि’ है। हमारे पास बहुत सारे संसाधन हैं। इसके बाद भी हम क्यों डरते हैं, क्योंकि हम स्वयं को भूल जाते हैं। स्पष्ट कमजोरी का कारण यह है कि हम जीवन के प्रति अपने समग्र दृष्टिकोण को भूल गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम सब स्वयं, परिवार, पंथ, जाति, भाषा और अन्य पहचानों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय—हित को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि हिंदू—हित में ही राष्ट्र—हित है।

‘समानता की मूर्ति’ के दर्शन कर लौटते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

उल्लेखनीय है कि समानता की मूर्ति का उद्घाटन 5 फरवरी यानी वसंत पंचमी के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र्र मोदी ने किया था। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य जी की इस भव्य प्रतिमा के माध्यम से भारत मानवीय ऊर्जा और प्रेरणाओं को मूर्त रूप दे रहा है। रामानुजाचार्य जी की यह प्रतिमा उनके ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक है।

बता दें कि इन दिनों श्री रामानुजाचार्य जी की जयंती मनाई जा रही है। इस निमित्त अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं। 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में जन्मे रामानुजाचार्य एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं। उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण कर समानता और सामाजिक न्याय का संदेश दिया था। उन्होंने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया और उनके उपदेशों ने अन्य भक्ति विचारधाराओं को प्रेरित किया। उन्हें अन्नामाचार्य, भक्त रामदास, त्यागराज, कबीर और मीराबाई जैसे कवियों के लिए प्रेरणा माना जाता है।

संत रामानुजाचार्य जी के गुरु आलवन्दार यामुनाचार्य जी थे। अपने गुरु की इच्छानुसार रामानुजाचार्य जी ने ब्रह्मसूत्र,विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबंधनम् की टीका लिखने का संकल्प लिया था। इसके लिए उन्होंने गृहस्थाश्रम त्यागकर श्रीरंगम के यदिराज संन्यासी से संन्यास की दीक्षा ली थी। इसके बाद वे समाज से ऊंच-नीच का भेद मिटाने के लिए निकल पड़े। उनका कहना था कि सभी जातियां एक हैं। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिरों के कपाट सबके लिए खुलें। यही कारण है कि उनकी स्मृति में बनाई गई प्रतिमा को ‘समानता की मूर्ति’ नाम दिया गया है।

श्री रामानुजाचार्य जी ने वैष्णव धर्म के प्रचार के लिए भी भारत का भ्रमण किया। वे इस धरा पर 120 वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम समय तक उन्होंने सामाजिक एकता और समरसता पर जोर दिया और 1137 में ब्रह्मलीन हो गए।      

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मणिपुर में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद

एनआईए (प्रतीकात्मक चित्र)

पंजाब में 15 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, बब्बर खालसा से जुड़े आतंकियों की तलाश तेज

India And Pakistan economic growth

आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते

नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में रचा इतिहास, PM मोदी ने शानदार उपलब्धि पर दी बधाई

उत्तराखंड : अरबों की सरकारी भूमि पर कब्जा, कहां अटक गई फैज मोहम्मद शत्रु संपति की फाइल..?

#ऑपरेशन सिंदूर : हम भांप रहे हैं, वो कांप रहे हैं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मणिपुर में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद

एनआईए (प्रतीकात्मक चित्र)

पंजाब में 15 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, बब्बर खालसा से जुड़े आतंकियों की तलाश तेज

India And Pakistan economic growth

आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते

नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में रचा इतिहास, PM मोदी ने शानदार उपलब्धि पर दी बधाई

उत्तराखंड : अरबों की सरकारी भूमि पर कब्जा, कहां अटक गई फैज मोहम्मद शत्रु संपति की फाइल..?

#ऑपरेशन सिंदूर : हम भांप रहे हैं, वो कांप रहे हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर

देहरादून : पहलगाम हमले के डॉक्टर तंजीम ने बांटी मिठाइयां, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

पाकिस्तान में असुरक्षित अहमदिया मुसलमान : पंजाब प्रांत में डाक्टर की गोली मारकर हत्या

सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं, भारत को चाहिए क्षेत्रीय संतुलन पर आधारित स्पष्ट रणनीति : डॉ. नसीम बलोच

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, पहली बार भाला फेंका 90 मीटर के पार, गोल्डन ब्वॉय ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies