जिलाधिकारी को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा ये आदेश दिया गया था कि वेबसाइट पर मदरसे द्वारा जारी किए गए फतवों से बच्चों के अधिकारों का हनन हो रहा है। इस मामले पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के समक्ष दारुल उलूम के प्रबन्धकों को तलब भी किया गया था और उन्हें इन फतवों को वापस लेने और इन्हें वेबसाइट से हटाने के लिए भी कहा गया था। किंतु मदरसे के प्रबन्धकों ने इस पर संतोषजनक उत्तर नही दिया, जिसके बाद आयोग ने डीएम को सख्त हिदायत देते हुए इनकी वेबसाइट को बन्द करने को कहा।
डीएम अखिलेश सिंह ने वेबसाइट को दस दिनों के लिए बन्द करने की पुष्टि की है। उधर दारुल उलूम के प्रबन्धकों ने डीएम को फतवों को हटाने की सूची उपलब्ध करवा दी है, लेकिन डीएम ने कहा है अगले दस दिनों तक वेबसाइट बन्द ही रहेगी और इसकी सूचना बाल संरक्षण आयोग को दे दी गयी है।
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