ब्रिटेन की एक अदालत ने कुख्यात ब्रिटिश-पाकिस्तानी और लेबर पार्टी के पूर्व नेता लॉर्ड नजीर अहमद को बाल यौन अपराध मामले में साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई है। नजीर ने 1970 के दशक में दो बच्चों का यौन शोषण किया था।
पीओके में जन्मा नजीर खालिस्तानी समर्थक और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का खास दोस्त है। वह कश्मीर को लेकर भारत के विरुद्ध हमेशा जहर उगलता रहता था। उसने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौत की कामना की थी। ब्रिटेन में रह कर नजीर भारत विरोधी अभियान चलाता था। पिछले महीने शेफील्ड क्राउन अदालत ने उसे दो बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों का दोषी पाया था। इनमें एक लड़का और एक लड़की थी। जस्टिस लैवेंडर ने शुक्रवार को उसे 5 साल 6 महीने की सजा सुनाई। जज ने कहा कि दोषी की करतूत का पीड़ितों के जीवन पर गहरा असर पड़ा। नजीर के साथ उसके दो भाइयों को मोहम्मद फारुक और मोहम्मद तारिक के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं। नजीर के दोनों भाई ज्यादा उम्र हो जाने के कारण ट्रायल में शामिल होने के लिए अनफिट पाए गए थे। इससे पहले एक महिला ने अदालत को बताया था कि नजीर ने 1973 और 1974 में बलात्कार कार प्रयास किया था। तब नजीर 16-17 का था, जबकि पीड़िता उससे काफी छोटी थी। नजीर 1972 में एक बच्चे के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है।
नजीर अहमद लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का करीबी रहा है। 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने उसे हाउस ऑफ लॉर्ड्स का आजीवन सदस्य नियुक्त किया था। संसद के उच्च सदन में नियुक्त होने वाला नजीर पहला मुस्लिम था। बता दें कि ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड में उच्च शिक्षित और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को सदस्य बनाया जाता है। 2013 में उसने लेबर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। नज़ीर अहमद पर यौन दुराचार के कई आरोप लग चुके हैं। हालांकि वह खुद को कश्मीर का एक योद्धा बताता है, लेकिन वास्तव में उसने अपने पद का इस्तेमाल कश्मीरी महिलाओं का यौन शोषण करने के लिए किया।
2020 में हाउस ऑफ लॉर्ड्स से इस्तीफा दिया था। संसद की एक समिति ने उसे निष्कासित करने की सिफारिश की थी। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन में कश्मीरी महिलाओं के एक समूह ने नज़ीर अहमद सहित अन्य राजनेताओं के खिलाफ हॉलीवुड शैली में मीटू विरोध अभियान चलाया था, जो कश्मीरी समुदाय की कमजोर महिलाओं का शोषण कर रहे हैं।
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