लखनऊ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शुक्रवार को उन तीन रोहिंग्याओं की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है जो फर्जी कागजात तैयार करवाकर भारतीय नागरिक के रूप में यहां रह रहे थे। इससे पहले अवैध कन्वर्जन मामले में मुख्य आरोपी के सहयोगी मौलाना कलीम सिद्धकी और मुफ्ती काजी जहागीर की आलम कासमी की जमानत याचिका खारिज हुई थी।
एटीएस अधिकारियों की मानें तो अवैध कन्वर्जन करने वाले सिंडिकेट सरगना उमर गौतम, सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, कलीम सिद्दकी समेत 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके पूर्व में जेल भेजा गया था। इस सिंडिकेट ने भारत और विदेशों से ट्रस्ट के नाम पर बैंक एवं हवाला के माध्यम से लगभग 100 करोड़ से अधिक मात्रा में धन प्राप्त किया गया। जिसका उपयोग इन लोगों ने अपने करीबियों व रिश्तेदारों के जमीन खरीदने व अन्य कार्यों के लिए किया था। इनके तार एनसीआर समेत पूरे देश में फैला हुआ था। इस प्रकरण में सभी आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था। एटीएस की प्रभावी पैरवी के चलते न्यायालय ने आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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