भारत के मित्र और सहयोगी देश मालदीव में पिछले करीब दो वर्ष से चीन की कथित शह पर भारत विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। मालदीव सरकार इसे लेकर परेशान है और अभियान चलाने वालों को रोकने की कई बार कोशिशें कर चुकी है। लेकिन क्योंकि वहां अभी तक इस तरह के प्रदर्शनों के विरुद्ध कोई कानून नहीं है, इसलिए भारत के विरुद्ध नफरत फैलाने के इस अभियान को रोकना मुश्किल हो रहा है।
लेकिन अब ज्यादा दिन ऐसा नहीं चलेगा, क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि भारत जैसे उसके सहयोगी देश के विरुद्ध किसी तरह का दुष्प्रचार किया जाए। नया कानून आने के बाद इस तरह के प्रदर्शन अपराध माने जाएंगे और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान होगा।
उल्लेखनीय है कि मालदीव सरकार एक विधेयक लाने वाली है, जिसमें ऐसे विरोध-प्रदर्शनों को गैरकानूनी माना गया है। दरअसल मालदीव सरकार की कोशिश है कि किसी भी देश के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।
मालदीव में एक सोच विशेष के लोग लाल रंग की टीशर्त पहने दिखते हैं जिन पर ‘इंडिया आउट’ लिखा दिखता है। उनके इस प्रदर्शन के पीछे भारत की वर्तमान मोदी सरकार का विरोध ही है, और इसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार की कथित शह प्राप्त है। इस पूरे अभियान के अगुआ हैं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुला यामीन।
मालदीव की संसद में यह विधेयक सत्तारूढ़ मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी लाने जा रही है। इस कानून के लागू होने पर भारत के विरुद्ध किसी भी तरह की नारेबाजी तथा विरोध प्रदर्शन अपराध माने जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर अनेक वीडियो प्रचारित किए गए हैं। इनमें मालदीव में एक सोच विशेष के लोग लाल रंग की टीशर्त पहने दिखते हैं जिन पर ‘इंडिया आउट’ लिखा दिखता है। उनके इस प्रदर्शन के पीछे भारत की वर्तमान मोदी सरकार का विरोध ही है जिसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार की कथित शह प्राप्त है। इस पूरे अभियान के अगुआ हैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुला यामीन। सत्तारूढ़ दल का मानना है कि ऐसे विरोध प्रदर्शनों से भारत के साथ उसके रिश्तों पर असर पड़ सकता है। इसलिए इन पर रोक लगाना जरूरी है।
मालदीव और भारत के बीच संबंध बहुत मधुर हैं। भारत ने वहां की अनेक परियोजनाओं में मदद की है। इतना ही नहीं भारत ने अपने यहां बनी कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले मालदीव ही भेजी थी। पिछले दिनों कई परियोजनाओं का साझा तौर पर उद्घाटन करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव से भारत के रिश्तों के महत्व पर प्रकाश डाला था। मालदीव में बनने जा रही मेट्रो रेल के एक स्टेशन का नाम भी महात्मा गांधी पर रखने की घोषणा की जा चुकी है।
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